पूर्व आईपीएस अधिकारी किरण बेदी बनीं पुडुचेरी की उपराज्यपाल
राष्ट्रपति भवन से रविवार को जारी एक विज्ञप्ति के जरिये किरण बेदी को पुडुचेरी का उपराज्यपाल नियुक्त किया गया है। देश की पहली महिला आईपीएस अधिकारी और 2015 के दिल्ली विधानसभा चुनावों में भाजपा के अभियान की कमान संभालने वाली 66 साल की किरण ने खुद को उपराज्यपाल बनाए जाने पर सरकार का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा, मैं इस जिम्मेदारी को निभाने के लिए अपना शत प्रतिशत दूंगी। मैं देश के फायदे के लिए काम करूंगी। मैं हर दिन अपना सर्वश्रेष्ठ दूंगी। बेदी ने कहा कि वह आईपीएस में केंद्र शासित (यूटी) कैडर में थीं और वह हमेशा पुडुचेरी जाना चाहती थीं। उन्होंने बताया, मैं मिजोरम, गोवा, चंडीगढ़ में पदस्थ रही लेकिन अंडमान और पांडिचेरी नहीं जा सकी। बेदी ने कहा कि उनके लिए उपराज्यपाल का कार्यालय उस राज्य के प्रत्येक व्यक्ति की पूरी स्वीकार्यता के लिए होगा।
नौ जून, 1949 को जन्मी बेदी ने 2015 के दिल्ली विधानसभा चुनावों में भाजपा के अभियान की कमान संभाली थी लेकिन अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी के आगे उन्हें जबरदस्त शिकस्त का सामना करना पड़ा। 1972 बैच की आईपीएस अधिकारी बेदी ने 2007 में सेवा से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ले ली थी। उस समय वह पुलिस अनुसंधान और विकास ब्यूरो में महानिदेशक थीं। खेल प्रेमी और लेखिका किरण को रैमन मैग्सायसाय पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है। वह उत्कृष्ट सेवाओं के लिए संयुक्त राष्ट्र के पदक से भी विभूषित हो चुकी हैं। साल 2011 में तत्कालीन संप्रग सरकार के खिलाफ चलाए गए भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन में अन्ना हजारे और केजरीवाल के साथ वह भी मुख्य चेहरा थीं। बेदी ने 1988 में दिल्ली विश्वविद्यालय से कानून की डिग्री प्राप्त की थी और 1993 में आईआईटी दिल्ली के सामाजिक विज्ञान विभाग से पीएचडी किया।
तीन दिन पहले ही 30 सदस्यीय पुडुचेरी विधानसभा चुनाव के नतीजों में कांग्रेस-द्रमुक गठबंधन ने 17 सीटें हासिल की हैं। अन्नाद्रमुक ने अपने दम पर चुनाव लड़ा था और चार सीटें जीतीं वहीं केंद्र शासीत प्रदेश में भाजपा को एक भी सीट नहीं मिल सकी। नरेंद्र मोदी सरकार ने गत 12 जुलाई को संप्रग सरकार में नियुक्त उपराज्यपाल वीरेंद्र कटारिया को नियुक्ति के महज एक साल बाद ही हटा दिया था जिसके बाद से यह पद खाली पड़ा था। अंडमान निकोबार द्वीपसमूह के उपराज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल अजय सिंह को पुडुचेरी का अतिरिक्त प्रभार दिया गया था।