Advertisement
20 January 2021

कृषि कानून: कमेटी पर उठ रहे सवालों पर सुप्रीम कोर्ट सख्त, कहा- सभी सदस्य अपने क्षेत्र में विशेषज्ञ

तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन जारी है। वहीं इस पर समाधान के लिए सुप्रीम कोर्ट की ओर से गठित कमेटी पर सवाल उठ रहे हैं। इस बीच कमेटी को लेकर उठ रहे विवाद पर चीफ जस्टिस की ओर से सख्त टिप्पणी की गई। अदालत ने कहा कि कमेटी में जो लोग शामिल हैं, वो अपने क्षेत्र में विशेषज्ञ हैं। जो उनकी आलोचना कर रहे हैं, उनके पास वो क्षमता नहीं है। क्या आप उनपर आरोप लगा रहे हैं।

चीफ जस्टिस ने टिप्पणी करते हुए कहा कि क्या कोई वकील अपनी राय जानकारी मिलने के बाद नहीं बदलता है। जबतक कोई ठोस विषय सामने नहीं रखा जाता है, तबतक ये बर्दाश्त नहीं होगा। कमेटी को अभी किसी प्रकार की कोई शक्ति नहीं मिली है, बल्कि राय के लिए रखा गया है। हालांकि, अदालत ने अभी इस याचिका पर भी नोटिस जारी कर दिया है और कहा है कि अटॉर्नी जनरल को इसपर जवाब देना चाहिए। किसान महापंचायत को भी नोटिस दिया गया है।

गौरतलब है कि केंद्र सरकार द्वारा लाए गए तीनों कृषि संबंधी कानूनों पर सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम रोक लगा दी है। कोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए किसानों के मसले को सुलझाने के लिए कमेटी का गठन किया। इस कमेटी में चार नामों की सिफारिश की गई। जिनमें भारतीय किसान यूनियन के भूपेंद्र सिंह मान, अशोक गुलाटी (कृषि विशेषज्ञ), डॉ. प्रमोद कुमार जोशी और अनिल घनवंत शामिल हैं। गौरतलब है कि इन सिफारिशों में प्रदर्शन कर रहे 40 किसान संगठनों में से एक भी संगठन शामिल नहीं है।

Advertisement

सवाल उठने के बाद पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त समिति के चार सदस्यों में से एक भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष भूपिंदर सिंह मान  ने गुरुवार को कहा कि वह खुद को पैनल से हटा रहे हैं। मान ने एक बयान जारी कर इसकी वजह भी बताई है। मान ने कहा कि समिति में उन्हें नामित करने के लिए शीर्ष अदालत के शुक्रगुजार हैं लेकिन किसानों के हितों से समझौता नहीं करने के लिए वे किसी भी पद का त्याग कर सकते हैं।

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोरसे
TAGS: कृषि कानून, कमेटी, सुप्रीम कोर्ट, Farm laws, committee, SC, framers
OUTLOOK 20 January, 2021
Advertisement