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28 December 2020

किसान आंदोलन: कल बातचीत की उम्मीद, आज सरकार देगी किसानों को जवाब

तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन जारी है। वहीं किसानों और सरकार के बीच कृषि कानून के मसले पर जारी विवाद अब फिर बातचीत की ओर बढ़ रहा है। मंगलवार को दोनों पक्षों में बातचीत हो सकती है, किसानों द्वारा दिए गए प्रस्ताव पर सोमवार को सरकार जवाब देगी। ऐसे में कयास लग रहे हैं कि इस बार मंथन से कुछ निर्णय निकलेगा। इस बीच किसानों ने अपना आंदोलन तेज करने की बात कही है, जगह-जगह प्रदर्शन और सामानों का बायकॉट जारी रहेगा।

अबतक सरकार और किसानों के बीच छह राउंड की चर्चा हो चुकी है, मगर कोई समाधान नहीं निकला। अब एक बार फिर दोनों पक्ष बातचीत की टेबल पर आए हैं, ऐसे में उम्मीदें कायम हैं। दूसरी ओर किसानों ने आंदोलन तेज़ किया है, नए साल तक देश के अलग-अलग हिस्सों में किसान संगठन सभाएं करेंगे।

बता दें कि कृषि कानूनों के खिलाफ सिंघु बॉर्डर पर किसानों का आंदोलन पिछले एक महीने से जारी है और शनिवार को समझौते के लिए सरकार की ओर से पिछले दिनों एक पत्र भेजा गया था, जिस पर संयुक्त किसान मोर्चा ने सरकार से 29 दिसंबर को बैठक बुलाने का प्रस्ताव रखा है।

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बातचीत को लेकर किसान संगठनों ने सरकार के सामने चार शर्तें भी रखी हैं। साथ ही किसानों ने कहा कि सरकार किसानों के खिलाफ दुष्प्रचार बंद करें। किसानों का कहना है कि पहले सरकार तीनों नए कृषि कानून रद्द करे। दूसरे एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) की कानूनी गारंटी दी जाए। तीसरे बिजली बिल ड्राफ्ट में बदलाव की मांग है और चौथे पराली कानून से किसनों को बाहर रखा जाए। कृषि कानूनों के प्रदर्शन कर रहे 40 किसान यूनियनों के मुख्य संगठन संयुक्त किसान मोर्चा की एक बैठक में यह फैसला किया गया।

क्रांतिकारी किसान यूनियन के अध्यक्ष दर्शन पाल ने बताया कि पंजाब और हरियाणा में टोल स्थायी तौर पर खुले रहेंगे। 30 दिसंबर को सिंघु बॉर्डर से ट्रैक्टर मार्च निकालेंगे। हम दिल्ली समेत पूरे देश के लोगों से अपील करते हैं कि यहां आकर हमारे साथ नया साल मनाएं।

बता दें कि 23 दिसम्बर को किसान संगठनों ने सरकार की ओर से पहले भेजे गए बातचीत के प्रस्ताव को ये कहते हुए ठुकरा दिया कि सरकार की ओर से कुछ ठोस प्रस्ताव आने के बाद ही बातचीत करने पर विचार किया जाएगा। इसके बाद 24 दिसंबर को सरकार ने किसान संगठनों को फिर से बातचीत का निमंत्रण दिया। किसान संगठनों को भेजे गए पत्र में सरकार ने उनसे बातचीत की तारीख और समय बताने को कहा था।

 

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TAGS: किसान आंदोलन, मोदी सरकार, कृषि कानून, Farmer Movement, Modi government, farmers
OUTLOOK 28 December, 2020
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