किसान आंदोलन: चार महीने पूरे होने पर किसान संगठनों का 26 मार्च को 'भारत बंद' का ऐलान
तीनों नए कृषि संबंधी कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों का सौ दिनों से अधिक समय हो चला है। सौ दिन पूरे होने पर बीते दिनों किसानों ने केंद्र के खिलाफ काला दिवस मनाने का ऐलान किया था। अब किसानों ने चल रहे प्रदर्शन के चार महीने पूरे होने पर 26 मार्च को भारत बंद बुलाया है। बुधवार को किसान संगठनों ने ये अपील की है। दरअसल, किसान कानूनों को रद्द करने की मांग कर रहे हैं जबकि केंद्र इसमें संशोधन की बात कह रही है। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट इन कानूनों पर जनवरी महीने में ही अंतरिम रोक लगा चुकी है।
भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) नेता राकेश टिकैत ने 13 मार्च को कोलकाता जाने का ऐलान किया है। हालांकि, टिकैत ने ये स्पष्ट किया है कि उनका दौरा चुनाव के परिपेक्ष्य में नहीं है और ना ही वो किसी राजनीतिक दल का समर्थन करेंगे। लेकिन, टिकैत ने कहा है कि वो राज्य में किसानों से मुलाकात कर भारतीय जनता पार्टी को हराने और अच्छी सरकार चुनने की अपील करेंगे।
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प्रदर्शन के सौ दिन पूरे होने पर किसान नेता राकेश टिकैत ने केंद्र सरकार और कृषि कानूनों पर निशाना साधा था। अपने ट्वीट के जरिए टिकैत ने लिखा, "इस तरह के क़ानून आ रहे हैं कि अब खुला दूध नहीं बिकेगा। पहले कंपनी को बेचो, फिर वो पैकेट में बेचेगी। गांव से जाएगा 20-30 रुपये किलो और जनता को मिलेगा 80-90 रुपये किलो।" गौरतलब है कि हरियाणा, पंजाब समेत अन्य राज्यों के किसान प्रदर्शन कर रहे हैं। हरियाणा की खाप पंचायत किसानों के साथ है। बीते दिनों पंचायत ने सौ रूपए किलो दूध बेचने का ऐलान किया था।
वहीं, बीते 26 जनवरी को किसानों ने ट्रैक्टर परेड निकाला था। जिसमें लाल किला पर हिंसक प्रदर्शन हुआ था और एक गुट लाल किला पर चढ़ धार्मिक झंडा फहराया था। इस मामले में मुख्य आरोपी दीप सिद्धू को दिल्ली पुलिस ने पिछले दिनों गिरफ्तार किया था। इस दौरान किसानों और पुलिस कर्मी के बीच हिंसक झड़प की भी तस्वीरें सामने आई थी।