किसानों को रोकने के लिए 'युद्ध' जैसी तैयारी, देश में अपनों के बीच ही सरहदें बनाने का सिलसिला कब तक?; हेमन्त ने पूछा
गणतंत्र दिवस के मौके पर दिल्ली में किसान आंदोलन के दौरान उपद्रव और उग्र प्रदर्शन के बाद दिल्ली में प्रवेश के रास्तों पर जबरदस्त बैरिकेडिंग पर झारखण्ड के मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन किसानों के पक्ष में दर्द छलका है।
गाजीपुर बार्डर पर 12 स्तरीय बैरिकेडिंग की तस्वीर लगाते हुए ट्विट किया है कि भाजपा के न्यू इंडिया में भारत के किसानों के लिए जगह नहीं। देश के लिए इससे दुख:द तस्वीर कुछ नहीं हो सकती जहां अपने ही किसानों को रोकने के लिए युद्ध समान तैयारी है।
उन्होंने सवाल किया है कि आखिर अपने ही देश में कितनी सरहदें बनेंगीं ? किन किन वर्गों के बीच सरहदें बनेंगी? किन किन समुदयों के बीच सरहदें बनेंगी? आखिर देश में 'अपनों के बीच' ही सरहदें बनाने का सिलसिला कब तक चलेगा? दूसरी तस्वीर में साफ दिख रहा है कि मजदूर बैरिकेडिंग के लिए सड़क पर बड़े-बड़े कील लगा रहा है। झामुमो ने भी किसानों के आंदोलन का साथ देते हुए केंद्रीय कृषि कानूनों को वापस करने की मांग कर रखी है।
दरअसल 26 जनवरी को प्रदर्शनकारियों ने ट्रैक्टरों के जरिये बैरिकेड्स तोड़ डाले थे। अभी संसद का सत्र चल रहा है, उसे देखते हुए दिल्ली पुलिस ने दिल्ली-गाजीपुर सीमा पर नुकीले कील और दीवार बनाकर 12 स्तरीय बैरिकेड्स लगाकर सीमा को सील किया है ताकि प्रदर्शनकारी किसानों का जत्था दिल्ली में प्रवेश न कर सके।