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13 June 2016

चारा घोटाले में अदालत में लालू की पेशी

पीटीआई

नब्बे के दशक में बिहार में लालू प्रसाद यादव के मुख्यमंत्री काल में हुए लगभग साढ़े नौ सौ करोड़ रुपये के चारा घोटाले में दुमका कोषागार से तीन करोड़ 31 लाख रुपये फर्जी ढंग से निकालने से जुड़े आरसी 38ए-96 के एक मामले में राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव को आज यहां सीबीआई के विशेष न्यायाधीश शिवपाल सिंह की अदालत में पेश होना पड़ा। उनके अलावा पूर्व सांसद आर.के. राणा और जगदीश शर्मा की भी आज पेशी हुई। सभी आरोपियों की पेशी और दो के बीमारी के चलते पेशी में असमर्थता के आवेदन के बाद अदालत में मामले की सुनवाई 29 जून के लिए स्थगित कर दी। अब 29 जून को सीबीआई अपने अन्य गवाहों को पेश करेगी।

इस मामले में सीबीआई ने अब तक 208 गवाह पेश किए हैं जबकि बड़ी संख्या में अन्य गवाहों को पेश किया जाना है।

 

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वर्ष 1996 में सामने आए इस मामले में लालू यादव के अलावा कुल 47 आरोपी थे लेकिन लंबे समय से चल रही अदालती कार्यवाही के दौरान 15 आरोपियों की मौत हो गई जबकि सीबीआई ने दो आरोपियों को सरकारी गवाह बना लिया है। इसी मामले में एक अन्य आरोपी के खिलाफ मामले को झारखंड उच्च न्यायालय खारिज कर चुका है।

कुल मिलाकर अब दुमका कोषागार से जुड़े इस मामले में केवल 29 आरोपी बचे हैं जिनमें कुछ पूर्व आईएएस अधिकारी भी शामिल हैं। पिछली कई तारीखों पर विभिन्न आरोपी अदालत में पेश नहीं हुए। इसपर संज्ञान लेते हुए अदालत ने आज सभी को पेश होने का आदेश दिया था। राजद प्रमुख लालू यादव सुबह साढ़े सात बजे पूरे दलबल के साथ अदालत में पेशी के लिए हाजिर हुए और उनकी हाजिरी अदालत ने लगा ली। लेकिन साढ़े आठ बजे तक 29 में से 27 आरोपियों की ही पेशी हो सकने के कारण अदालत ने मामले की सुनवाई साढ़े दस बजे के बाद निर्धारित कर दी।

साढ़े दस बजे तक अन्य दो आरोपी पेश नहीं हो सके और उनकी तरफ से मेडिकल आधार पर पेशी में छूट का आवेदन दिया गया, जिसे अदालत ने स्वीकार कर लिया। अदालत ने मामले की सुनवाई के लिए 29 जून की अगली तारीख निर्धारित कर दी।

अभियोजन पक्ष 29 जून को एक बार फिर अपने गवाह पेश करेगा। इस मामले में अब तक सीबीआई 208 गवाह पेश कर चुकी है। लालू यादव के खिलाफ इस समय रांची की विशेष अदालतों में चारा घोटाले से जुड़े चार मामले चल रहे हैं जबकि इससे पूर्व चारा घोटाले से ही जुड़े आरसी 20ए-96 मामले में लालू यादव को वर्ष 2013 में 30 सितंबर को सीबीआई की प्रवास कुमार सिंह की विशेष अदालत ने दोषी ठहराया था और न्यायिक हिरासत में यहां बिरसामुंडा जेल भेज दिया था। जहां से उन्हें सर्वोच्च न्यायालय से उसी वर्ष 13 दिसंबर को जमानत मिलने के बाद लगभग ढाई माह बाद उन्हें रिहा किया गया था।

चारा घोटाले के इसी मामले में दोषी करार दिए जाने और पांच वर्ष के कैद की सजा सुनाए जाने के बाद लालू के राजनीतिक जीवन पर ग्रहण लग गया था और उनकी संसद सदस्यता छिन गई थी।

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TAGS: चारा घोटाला, लालू प्रसाद, दुमका कोषागार, सीबीआई, विशेष न्यायाधीश, पेशी, अदालत, सुनवाई
OUTLOOK 13 June, 2016
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