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04 June 2015

आतंक से मुकाबले में पूर्व आईबी प्रमुख विशेष दूत

दिसंबर 2014 में सेवानिवृत्त हो चुके इब्राहिम आतंकवाद और उग्रवाद से मुकाबले के लिए पश्चिम एशिया, अफगानिस्तान-पाकिस्तान और दक्षिण पूर्व एशिया में प्रधानमंत्री के विशेष दूत होंगे। इस नियुक्ति की पुष्टि करते हुए प्रधानमंत्री कार्यालय के एक अधिकारी ने बताया कि मुस्लिम जगत और वहां की राजनीतिक संरचना के लिहाज से इब्राहिम सबसे जानकार अधिकारियों में से एक हैं। उन्होंने बताया कि अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद से मुकाबले के लिए वह देश और दुनिया दोनों जगहों पर भूमिका निभाएंगे।

गौरतलब है कि पूर्ववर्ती सरकार में आईबी प्रमुख रहते हुए उन्होंने भारतीय मूल के लगभग एक दर्जन लोगों के इस्लामी देशों में आतंकवादी समूह से जुड़ने का पता लगाया था। उन्होंने इराक और सीरिया के कुछ हिस्सों पर कब्जा करने वाले आतंकवादी समूहों से जुड़े कुछ भारतीयों को पकड़वाने में भी अहम भूमिका निभाई थी। उन्हें सऊदी अरब और मलेशिया के शीर्ष नेतृत्व के साथ आतंक पर साझेदारी निभाने के समझौते के लिए भी जाना जाता है। हालांकि भारतीय जनता पार्टी जब विपक्ष में थी तब वह इब्राहिम की कार्यशैली पर जब-तब दबी जुबान से अंगुलियां उठाती रही थी और उनके दायित्व निर्वाह की खामियां निकाल कर यूपीए सरकार की आलोचना करती थी।

आज उन्हीं को राजग सरकार में महत्वपूर्ण पद सौंपे जाने पर एक पूर्व राजनयिक कहते हैं, ‘आज भाजपा को भी उनकी अहमियत समझ में आ गई है कि दुनियाभर के आतंकवादी समूहों की खुफिया जानकारी रखने में उनका कोई सानी नहीं है। लेकिन खाड़ी देशों, अफगानिस्तान-पाकिस्तान की सीमा और दक्षिण पूर्व एशियाई इस्लामी देशों में आतंकवाद से निपटने में उनकी भूमिका चुनौतीपूर्ण रहेगी।’  अपनी इस नई भूमिका में इब्राहिम राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल को रिपोर्ट करेंगे और राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद सचिवालय पर काम करेंगे। 

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TAGS: Asif Ibrahim, terrorism, PMO, IB Chief, आसिफ इब्राहिम, अजीत डोभाल, पीएमओ, नरेंद्र मोदी
OUTLOOK 04 June, 2015
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