11 साल में पहली बार 31 हुई सुप्रीम कोर्ट के जजों की संख्या, चार नए जजों ने ली शपथ
सुप्रीम कोर्ट के चार जजों को प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई ने शुक्रवार को पद की शपथ दिलाई। चार नये जजों के शपथ ग्रहण के साथ ही शीर्ष अदालत में न्यायाधीशों की संख्या 31 हो गई है। न्यायालय में अब न्यायाधीश का कोई पद रिक्त नहीं है। 2009 के बाद पहला मौका है जब सुप्रीम कोर्ट के जजों की कुल संख्या 31 हो गई है।
सीजेआई रंजन गोगोई ने बॉम्बे हाईकोर्ट के जस्टिस बीआर गवई, हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट के सूर्यकांत, झारखंड हाई कोर्ट अनिरुद्ध बोस और गुवाहाटी हाई कोर्ट के ए. एस. बोपन्ना को सुप्रीम कोर्ट के जज के रूप में शपथ दिलाई। इस दौरान शीर्ष अदालत के अन्य न्यायाधीश भी मौजूद थे।
इससे पहले कॉलेजियम ने पिछले दिनों इनके नामों की सिफारिश केंद्र के पास भेजी थी जिसके बाद राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने बुधवार को चार जजों की नियुक्ति के लिए आदेश जारी किया था। बता दें कि केंद्र ने पहले इन नामों को वरिष्ठता और राज्यों के प्रतिनिधित्व में समानता के नाम पर लौटा दिया था। चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया रंजन गोगोई के नेतृत्व वाले कलिजियम ने 12 अप्रैल की अपनी सिफारिश को फिर से दोहराया।
सरकार ने 2008 में सुप्रीम कोर्ट में जजों की संख्या 26 से बढ़ाकर 31 की थी। इसके बाद यह पहला मौका है, जब सुप्रीम कोर्ट में जजों का कोई पद खाली नहीं है। अभी तक सुप्रीम कोर्ट 27 जजों के साथ काम कर रहा था।
2025 में जस्टिस गवई 6 महीने के लिए बनेंगे सीजेआई
वरिष्ठता क्रम के मुताबिक, जस्टिस गवई 2025 में 6 महीने के लिए चीफ जस्टिस बनेंगे। वह जस्टिस (रिटायर्ड) केजी बालकृष्णन के बाद अनुसूचित जाति से आने वाले दूसरे सीजेआई होंगे। इसके बाद जस्टिस सूर्यकांत उनके उत्तराधिकारी होंगे और नवंबर 2025 से फरवरी 2027 तक सीजेआई का पद संभालेंगे। जस्टिस गवई बॉम्बे हाईकोर्ट के जज, जबकि जस्टिस सूर्यकांत हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रह चुके हैं।