पैसों के लिए कभी अगवा हो गए थे अडानी, आज बन गए देश के दूसरे सबसे अमीर
वैसे तो एशिया के अरबपतियों की सूची में मुकेश अंबानी टॉप पर हैं लेकिन इस साल गौतम अडानी की संपत्ति उनसे कहीं ज्यादा बढ़ी है। ब्लूमबर्ग बिलिनेयर इंडेक्स के मुताबिक, देश के दूसरे अमीर गौतम अडानी की संपत्ति में इस साल करीब 21 बिलियन डॉलर का इजाफा हुआ है। वहीं, मुकेश अंबानी की संपत्ति में साल 2020 में 17.6 बिलियन डॉलर का इजाफा हुआ है। अडानी के अमीर बनने की कहानी तो दिलचस्प है ही मगर उनसे जुड़े अपहरण का का मामला भी कम रोमांचक नहीं है।
दरअसल, दो दशक पहले अडानी का उस समय कार सवार लोगों ने अपहरण कर लिया था जब वह अपनी कार से यहां कर्णावती क्लब से महम्मदपुरा की तरफ जा रहे थे। उन्हें बाद में छोड़ दिया गया था। उनसे कथित तौर पर फिरौती ली गयी थी।
यह वाकया 1 जनवरी, 1998 का है, जब गौतम अडानी को कुछ बंदूकधारियों ने किडनैप कर लिया था। अडानी और उनके साथ कार में मौजूद व्यक्ति शांतिलाल पटेल को अगवा कर लिया गया था। कहा जाता है कि एक स्कूटर पर सवार दो बदमाशों ने उनकी कार को रुकवा लिया था।
इसके बाद एक वैन में सवार होकर कुछ लोग आए और अडानी एवं शांतिलाल पटेल का अपहरण कर लिया। पुलिस में दर्ज एफआईआर के अनुसार इस कांड में 9 लोग शामिल थे, जिनमें रहमान दर्जी, राजा जावेद, जयेश रतिलाल दर्जी, रियाज, अकिल समेत कई अपराधियों के नाम शामिल थे। कहा जाता है कि अडानी को बदमाशों ने 15 करोड़ रुपये की फिरौती हासिल करने के बाद छोड़ा था। इस मामले में 2009 में चार्जशीट दाखिल की गई थी, लेकिन मामले की पैरवी ने किए जाने के चलते अदालत ने आरोपियों को बरी कर दिया था।
इस मामले में सरखेज थाने मे मामला दर्ज कर सबसे पहले राजा जावेद नाम के एक व्यक्ति की जून 1999 में धरपकड हुई थी। इसके बाद कुछ अन्य आरोपी पकड़े गये और बाद में इसमें फजलू और दर्जी का नाम जोड़ा गया था। दर्जी को इस मामले में जमानत मिल गयी थी। अन्य आपराधिक मामलों में वांछित फजलू को दिल्ली पुलिस ने 2006 में नेपाल सीमा के निकट से पकड़ा था। वह दुबई में रहता था। उसे दिल्ली के तिहाड़ जेल में रखा गया था।
यहां मिरजापुर स्थित ग्राम्य अदालत ने दोनो को साक्ष्य के अभाव के चलते संदेह का लाभ देते हुए 2018 में बरी कर दिया। अन्य आरोपियों के खिलाफ मामला चलता रहेगा। इस मामले में आरोप गठन की कार्रवाई 2014 में हुई थी।