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14 April 2020

भीमा कोरेगांव-एल्गार परिषद मामले में नवलखा और तेलतुंबड़े ने एनआईए को किया सरेंडर

Outlook

भीमां-कोरेगांव मामले के आरोपी सामाजिक कार्यकर्ता गौतम नवलखा ने राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी (एनआईए) के सामने सरेंडर कर दिया है। नवलखा के साथ एल्गार परिषद-माओवादी से संबंधित मामले में आनंद तेलतुंबड़े ने भी खुद को सरेंडर किया। दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने कोरोना वायरस महामारी के कारण दाखिल अर्जी पर आगे सुनवाई करने से इनकार कर दिया, जिसके बाद दोनों ने एनआईए के सामने सरेंडर किया। यह जानकारी अधिकारियों की तरफ से मंगलवार को दी गई।

बता दें, 2018 भीमा कोरेगांव मामले में कथित तौर पर संलिप्तता को लेकर आरोपी नवलखा को सुप्रीम कोर्ट ने 17 मार्च को अग्रिम जमानत की अर्जी खारीज करते हुए एनआईए को सरेंडर करने को कहा था।

सेशन कोर्ट के सामने किया जाएगा पेश 

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आनंद तेलतुंबड़े के वकील मिहिर देसाई ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देश को ध्यान में रखते हुए सरेंडर करने का फैसला किया गया है। जांच एजेंसी के एक अधिकारी के मुताबिक दोनों को फिलहाल गिरफ्तारी के तहत रखा जाएगा, उसके बाद सेशन कोर्ट के सामने पेश किया जाएगा।  

भीमा कोरेगांव हिंसा मामले में गिरफ्तार किया गया था

वर्षों से मुंबई स्थित आर्थिक और राजनीतिक साप्ताहिक पत्रिका के संपादक नवलखा उन पांच मानवाधिकार कार्यकर्ताओं में से एक हैं, जिन्हें कथित माओवादी समूह और 1 जनवरी 2018 को भीमा कोरेगांव हिंसा में शामिल होने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। लेकिन सुप्रीम कोर्ट और बॉम्बे हाई कोर्ट ने गिरफ्तारी पर रोक लगा दी थी। आनंद तेलतुंबडे और अन्य कार्यकर्ताओं को पुणे पुलिस ने हिंसा के बाद हिरासत में लिया था।

31 दिसंबर, 2017 को पुणे में दिए थे भड़काऊ भाषण

वहीं, पुलिस के अनुसार कार्यकर्ताओं ने 31 दिसंबर, 2017 को पुणे में आयोजित एल्गर परिषद की बैठक में भड़काऊ भाषण और भड़काऊ बयान दिए थे जिसके बाद अगले दिन हिंसा भड़क गई। पुलिस का यह भी दावा है कि ये सभी कार्यकर्ता प्रतिबंधित माओवादी समूहों के सक्रिय सदस्य थे। जिसके बाद पूरे मामले को एनआईए को स्थानांतरित कर दिया गया। गिरफ्तारी को लेकर दोनों कार्यकर्ताओं ने बॉम्बे हाईकोर्ट से शरण मांगी थी जिसके बाद कोर्ट ने गिरफ्तारी पर रोक लगा दी थी। साथ ही इन दोनों की अग्रमित जमानत वाली याचिका पर सुनवाई भी चल रही थी। जिसके बाद हाईकोर्ट ने याचिका कर दिया। याचिका खारिज होने के बाद दोनों ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। कोर्ट ने उनकी दलीलों को खारिज करते हुए तीन सप्ताह के भीतर आत्मसमर्पण करने का निर्देश दिया था।

 

 

 

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TAGS: Gautam Navlakha, surrenders before NIA, Bhima Koregaon case
OUTLOOK 14 April, 2020
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