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26 August 2019

सरकार ने 22 टैक्स अधिकारियों को जबरन नौकरी से हटाया, भ्रष्ट्राचार और कदाचार का था आरोप

भ्रष्टाचार और कदाचार के आरोपों का सामना कर रहे 22 वरिष्ठ अधिकारियों को सरकार ने आज बड़ी कार्रवाई करते हुए  अनिवार्य सेवानिवृत्ति दे दी है। जबरन रिटायर किए गए सभी 22 अधिकारी सुपरिटेंडेंट या एओ स्तर के हैं। इन अधिकारियों को फंडमेंटल रूल 56(J) के तहत सार्वजनिक हित में कार्यमुक्त किया गया है। 

अधिकारियों पर थे गंभीर आरोप

सेंट्रल बोर्ड ऑफ इनडायरेक्ट टैक्सेज ऐंड कस्टम्स (सीबीआईसी) इन अफसरों पर भ्रष्टाचार के साथ दूसरे भी गंभीर आरोप थे। इनमें से कुछ अधिकारियों पर भ्रष्टाचार के साथ उत्पीड़न, रिश्वत, जबरन वसूली के आरोप थे। सीबीआईसी द्वारा निकाले गए अधिकारियों में के.के. उइके, एस.आर. परते, कैलाश वर्मा, के.सी. मंडल, एम.एस. डामोर, आर.एस. गोगिया, किशोर पटेल आदि शामिल हैं।

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यह तीसरा चरण

वित्त मंत्रालय के सूत्रों ने कहा कि भ्रष्ट टैक्स अधिकारियों को बर्खास्त करने का निर्णय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के टैक्स प्रशासन को साफ करने के वादे के अंतर्गत है ताकि ईमानदार करदाताओं को परेशान न किया जाए। पिछले कुछ महीनों में टैक्स अधिकारियों को जबरन रिटायरमेंट देने का यह तीसरा चरण है। बाहर का दरवाजा दिखाए गए इन अधिकारियों में से अधिकांश देश के विभिन्न क्षेत्रों से माल और सेवा कर (जीएसटी) और सीमा शुल्क में काम करने वाली टीम में शामिल थे।

दागियों को बाहर का रास्ता

इसके पहले जून में केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के 12 अधिकारियों सहित 27 उच्च रैंकिंग आईआरएस अधिकारियों को मौलिक नियम 56 (जे) के तहत अनिवार्य रूप से सेवानिवृत्त किया गया था।

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TAGS: Tax Officers, Goods and Services Tax, Central Board of Indirect Tax and Customs
OUTLOOK 26 August, 2019
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