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12 August 2017

लड़कियों के लिए खुलेंगे सैनिक स्कूल और एनडीए के दरवाजे!

इस प्रस्ताव में महिला कैडेट को राष्ट्रीय सुरक्षा अकादमी (नेशनल डिफेंस एकेडमी-एनडीए) में प्रवेश देने की भी बात कही गई है। यह जानकारी शुक्रवार को लोक सभा में केंद्रीय मंत्री सुभाष रामराव भामरे ने दी।

इस समय देश भर में 26 सैनिक स्कूल हैं और इनकी संख्या बढाए जाने की भी मांग हो रही है। रक्षा राज्य मंत्री सुभाष भामरे ने प्रश्न काल में एक प्रश्न के जवाब में यह बात बताई। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर मंत्रालय विचार कर रहा है।

रक्षा मंत्री का अतिरिक्त प्रभार संभाल रहे अरुण जेटली ने एक लिखित जवाब में कहा कि 22 राज्यों में 26 सैनिक स्कूल हैं और बाकी के राज्यों ने भी इस तरह के स्कूलों की मांग की है। इस समय 21 सैनिक स्कूल बनाए जाने का प्रस्ताव है। इन स्कूलों के लिए 2017-18 के बजट में 80 करोड़ का बजट आवंटित किया गया है। जेटली ने कहा कि सैनिक स्कूल और राष्ट्रीय मिलिटरी स्कूल से काफी सारे कैडेट एनडीए (नेशनल डिफेंस एकेडमी) में दाखिल हुए हैं। 2016 में एनडीए में दाखिला लेने वालों में 159 या 29.33 फीसदी कैडेट सैनिक स्कूल से थे। इसी दौरान, 31 या 5.71 फीसदी कैडेट राष्ट्रीय मिलिटरी स्कूल से थे। जेटली ने कहा कि सैनिक स्कूल खोलने का मकसद रक्षा सेवाओं में क्षेत्रीय असमानताओं को खत्म करना है।

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एक दूसरे प्रश्न के जवाब में जेटली ने कहा कि आजादी के बाद से कोई भी नई रेजिमेंट नहीं बनाई गई है जबकि रेजिमेंट के अन्दर सब-यूनिट बनाई गई हैं। उन्होंने कहा, "सरकार की योजना के मुताबिक, सभी नागरिक वर्ग, जाति, धर्म, क्षेत्र के भेदभाव के बगैर भारतीय सेना में भर्ती हो सकते हैं। आजादी के बाद से सरकारों की ये पॉलिसी रही है कि किसी खास वर्ग, समुदाय, धर्म या क्षेत्र के लिए अलग से कोई रेजिमेंट ना बनाई जाए।"

बता दें कि 1961 में सैनिक स्कूल इस उद्देश्य के साथ शुरू किए गए थे कि लड़कों को शारीरिक, मानसिक और शैक्षिक रूप से अकादमी के लिए तैयार किया जा सके। अब अगर लड़कियों के लिए भी यह रास्ता खुलता है तो निश्चित ही यह बड़ा बदलाव होगा।

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OUTLOOK 12 August, 2017
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