Advertisement
19 May 2020

सरकार ने जम्मू-कश्मीर के लिए डोमिसाइल नियम नोटिफाई किए, पीडीपी ने कहा विरोध जारी रहेगा

केंद्र सरकार ने सोमवार को जम्मू कश्मीर में डोमिसाइल सर्टिफिकेट जारी करने के लिए प्रक्रिया की अधिसूचना जारी कर दी। जम्मू कश्मीर केंद्रशासित प्रदेश में किसी भी पद पर नियुक्ति के लिए स्थानीय निवासी होना मुख्य पात्रता है। नए नियमों के मुताबिक, डोमिसाइल सर्टिफिकेट 15 दिनों में जारी किया जाएगा। इसके बाद आवेदक अपीलीय अधिकारी से संपर्क कर सकता है।

सर्टिफिकेट में देरी करने पर जुर्माना

सरकारी प्रवक्ता के अनुसार अपीलीय अधिकारी का फैसला बाध्यकारी होगा और उसके फैसले को सात दिनों के भीतर लागू करना होगा। अगर कोई अधिकारी ऐसा नहीं करता है तो उसे अपने वेतन से 50 हजार रुपये जुर्माना देना होगा। अपीलीय अधिकारी के पास रिवीजन का भी अधिकार होगा। वह किसी आवेदन का स्वतः संज्ञान लेकर रिकॉर्ड की जांच कर सकता है और प्रक्रिया की जांच करके आदेश जारी कर सकता है।

Advertisement

महामारी में भी सरकार अधिकार छीन रही - पीडीपी

अधिसूचना पर प्रतिक्रिया देते हुए पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) ने इसकी कड़ी निंदा की है। उसने कहा कि महामारी के दौर में भी केंद्र सरकार जम्मू कश्मीर को अधिकार विहीन करने के अपने अभियान पर आगे बढ़ रही है। इस तरह की अधिसूचना से वह पिछले साल पांच अगस्त के गलत फैसले को छिपा नहीं सकती है। राज्य को अधिकार विहीन और लोगों को मताधिकार विहीन करने से कश्मीर की समस्या नहीं सुलझेगी। इसके कारण हजारों लोगों की जानें जा चुकी है। पीडीपी ने अपने बयान में कहा कि वह इस फैसले का विरोध करती रहेगी।

एक अप्रैल का फैसला दो दिन बाद बदला

अनुच्छेद 370 और 35ए समाप्त करने के आठ महीने बाद एक अप्रैल को भाजपा सरकार ने जम्मू कश्मीर के लिए नए डोमिसाइल रूल्स और इस क्षेत्र में सरकारी नौकरी के लिए पात्रता के नियमों की अधिसूचना जारी की। नए नियम के अनुसार उन लोगों को स्थानीय निवासी माना जाएगा जो 15 साल से जम्मू कश्मीर में रह रहे हैं या जिन्होंने सात साल तक यहां शिक्षा पाई है और यहां से शिक्षण संस्थानों में 10वीं या 12वीं की परीक्षा दी है। सरकार ने चतुर्थ श्रेणी की सरकारी नौकरियां भी जम्मू कश्मीर के निवासियों के लिए आरक्षित कीं। लेकिन बाद में जम्मू से कड़े विरोध के बाद केंद्र सरकार ने तीन अप्रैल को एक बार फिर नियम बदले और जम्मू कश्मीर के निवासियों के लिए सभी नौकरियां आरक्षित कर दीं।

पहले 35ए में विशेषाधिकार थे

पिछले साल पांच अगस्त को अनुच्छेद 370 और 35ए को समाप्त किए जाने से पहले जम्मू कश्मीर की सभी सरकारी नौकरियां राज्य के स्थायी निवासियों के लिए आरक्षित होती थीं। अनुच्छेद 370 के तहत, जम्मू कश्मीर में अलग संविधान होता था, जबकि 35ए के तहत राज्य से बाहर के लोगों पर यहां संपत्ति खरीदने पर प्रतिबंध था और सरकारी नौकरियां स्थायी निवासियों के लिए आरक्षित होती थी। 35ए के तहत जम्मू कश्मीर सरकार को राज्य के स्थायी निवासी की परिभाषा तय करने का अधिकार था। इस अनुच्छेद के तहत स्थायी निवासियों को सरकारी नौकरियों और अचल संपत्ति के स्वामित्व में विशेषाधिकार देने की राज्य सरकार को अनुमति थी। संविधान के अनुच्छेद 370 के तहत समाप्त किया गया अनुच्छेद 35ए भारतीय संविधान में राष्ट्रपति के आदेश के जरिए शामिल किया गया है।

सरकार के प्रवक्ता ने कहा कि डोमिसाइल रूल्स के तहत 15 साल से इस क्षेत्र में रह रहे लोगों और उनके बच्चों अथवा सात साल तक यहां के शिक्षण संस्थानों में पढ़ाई कर चुके और 10वीं या 12वीं की परीक्षा दे चुके व्यक्तियों को स्थानीय निवासी माना जाएगा।

ये लोग डोमिसाइल के पात्र बने

सरकारी प्रवक्ता के अनुसार केंद्र सरकार के अधिकारी, अखिल भारतीय सेवा के अधिकारियों, पीएसयू, सरकारी बैंकों और केंद्र सरकार की स्वायत्त संस्थाओं के अधिकारियों, संवैधानिक संस्थाओं के अधिकारियों, केंद्रीय विश्वविद्यालयों और मान्यता प्राप्त केंद्र सरकार की अनुसंधान संस्थाओं के अधिकारी, जो दस साल जम्मू कश्मीर में रह चुके हैं, को स्थानीय निवासी का दर्जा मिलेगा। इसके अलावा, राहत और पुनर्वास आयुक्त के यहां पंजीकृत प्रवासियों और उनके बच्चों को भी डोमिसाइल सर्टिफिकेट मिलेगा। रोजगार, व्यवसाय, प्रोफेशन या किसी अन्य कारोबारी कारण से जम्मू कश्मीर से बाहर रह रहे यहां के निवासियों को भी स्थानीय निवासी माना जाएगा।

स्थायी निवासियों को भी सर्टिफिकेट

प्रवक्ता के अनुसार नए नियमों में प्रावधान है कि डोमिसाइल सर्टिफिकेट के लिए आवेदन कार्यालय में जाकर अथवा ऑनलाइन मोड में दाखिल किया जा सकता है और सक्षम अधिकारी डिजिटल डोमिसाइल सर्टिफिकेट जारी कर सकता है। 31 अक्टूबर 2019 से पहले सक्षम अधिकारी द्वारा जारी परमानेंट रेजीडेंट सर्टिफिकेट (पीआरसी) पा चुके स्थायी निवासी सिर्फ इसी दस्तावेज के आधार पर डोमिसाइल सर्टिफिकेट पा सकेंगे। उन्हें कोई अन्य दस्तावेज प्रस्तुत नहीं करना होगा।

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोरसे
TAGS: domicile, procedure, certificate
OUTLOOK 19 May, 2020
Advertisement