नए राज्यपालों की नियुक्ति पर विचार कर रही है सरकार
आधिकारिक सूत्राों ने कहा, कुछ राज्यपाल दो-तीन राज्यों का अतिरिक्त प्रभार संभाल रहे हैं, एेसे में आने वाले हफ्तों में नयी नियुक्तियां हो सकती हैं। असम, हिमाचल प्रदेश, मेघालय, मिजोरम और मणिपुर में राज्यपालों के पद खाली हैं। ये राज्य कांग्रेस शासित हैं। इनके अलावा बिहार, त्रिपुरा और तेलंगाना में भी फिलहाल पूर्णकालिक राज्यपाल नहीं हैं जहां क्रमश: जदयू, वाम दल और टीआरएस का शासन है। पंजाब में भी राज्यपाल का पद खाली हैं जहां अकाली दल-भाजपा की सरकार है। पुड्डुचेरी में भी उप राज्यपाल की नियुक्ति की जानी है। पश्चिम बंगाल के राज्यपाल केशरीनाथ त्रिापाठी बिहार, मेघालय और मिजोरम का अतिरिक्त प्रभार संभाल रहे हैं तो नगालैंड के राज्यपाल पद्मनाभ आचार्य असम और त्रिपुरा में भी राज भवनों की अतिरिक्त जिम्मेदारी संभाल रहे हैं।
हरियाणा के राज्यपाल कप्तान सिंह सोलंकी को पंजाब के राज्यपाल और चंडीगढ़ के प्रशासक का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है। राजस्थान के राज्यपाल कल्याण सिंह हिमाचल प्रदेश का अतिरिक्त प्रभार भी संभाल रहे हैं। उत्तराखंड के राज्यपाल केके पाॅल मणिपुर के राज भवन के भी प्रभारी हैं। एकीकृत आंध्र प्रदेश के राज्यपाल रहे ईएसएल नरसिम्हन राज्य के बंटवारे के बाद तेलंगाना और शेष आंध्र प्रदेश के राज्यपाल बने हुए हैं। अंडमान एवं निकोबार के उपराज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल सेवानिवृत्त अजय कुमार सिंह पुड्डुचेरी के उपराज्यपाल की भी अतिरिक्त जिम्मेदारी निभा रहे हैं।
बीते साल मई में सत्ता संभालने वाली नरेंद्र मोदी सरकार अब तक 11 राज्यों के राज्यपालों की नियुक्ति कर चुकी है। इनमें राम नाइक (उत्तर प्रदेश), सी विद्यासागर राव (महाराष्ट्र), पी सदाशिवम (केरल) वजुभाई वाला (कर्नाटक), ओमप्रकाश कोहली (गुजरात), बलराम दास टंडन (छत्तीसगढ़), मृदुला सिन्हा (गोवा) कल्याण सिंह (राजस्थान) केशरीनाथ त्रिपाठी (पश्चिम बंगाल), कप्तान सिंह सोलंकी ।(हरियाणा) और पद्मनाभ आचार्य (नगालैंड) शामिल हैं।
मोदी सरकार ने सबसे पहले गुजराज की राज्यपाल कमला बेनीवाल को मिजोरम भेजा और फिर उन्हें बर्खास्त कर दिया गया है। उत्तराखंड के राज्यपाल अजीज कुरैशी को मिजोरम भेजा गया और बीते 28 मार्च को उनको भी बर्खास्त किया गया। इसी तरह पुड्डुचेरी के राज्यपाल वीरेंद्र कटारिया को भी सरकार ने बाहर का दरवाजा दिखा दिया।