Advertisement
31 October 2019

ईयू सांसदों के कश्मीर आने पर केन्द्र का जवाब- ऐसे दौरों के लिए आधिकारिक चैनलों से आना जरूरी नहीं

जम्‍मू-कश्‍मीर में विदेशी सांसदों के दौरे पर उठ रहे सवाल के बीच विदेश मंत्रालय ने जवाब दिया है। विदेश मंत्रालय का कहना है कि इस तरह के प्रतिनिधिमंडलों को दौरे के लिए आधिकारिक चैनलों के माध्यम से आना जरूरी नहीं है।

विदेश मंत्रालय प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा, सरकार के ध्यान में यह लाया गया कि प्रतिनिधिमंडल भारत का दौरा करने जा रहा है। भारत का दौरा करने वाले यूरोपीय सांसदों ने भारत के बारे में जानने की इच्छा व्यक्त की थी। यह एक दोस्ताना यात्रा की तरह था। उन्होंने कहा कि ये यूरोपीय सांसद यूरोप के विभिन्न देशों और विभिन्न राजनीतिक दलों से संबंधित थे।

यह दौरा कश्मीर मुद्दे का अंतरराष्ट्रीय करने के लिये नहीं

Advertisement

उन्‍होंने कहा, यह दौरा कश्मीर मुद्दे का अंतरराष्ट्रीय करने के लिये नहीं था। अहम बात यह है कि क्या इस तरह के संवाद से बड़े राष्ट्रीय हितों की पूर्ति होती है। रवीश कुमार ने कहा कि यूरोपीय संघ संसद सदस्यों के विचारों से जमीनी हकीकत और कश्मीर में आतंकवाद के खतरे के बारे में उनकी समझ प्रदर्शित हुई।

क्या है मामला?

गौरतलब है कि यूरोपीय संघ के 27 सांसद कश्मीर दौरे पर आए थे। जिनमें से 23 को दिन के लिए कश्मीर ले जाया गया था। उनका यह दौरा विवादों में घिर गया है। एक तरफ तो आरोप लग रहा है कि मादी शर्मा की नाम की एक महिला ने इस सांसदों के इस दौरे का पूरा इंतजाम किया था और इस पूरी कवायद में उनकी क्या भूमिका थी। वहीं कांग्रेस का कहना है कि भारतीय सांसदों को वहां जाने नहीं दिया जा रहा है जबकि दूसरे देशों को कश्मीर घुमाया जा रहा है यह भारतीय संसद का अपमान है।

370 पर चीन के बयान का जवाब

जम्मू-कश्मीर और अनुच्छेद 370 को लेकर चीन की ओर से दिए गये बयान का भी विदेश मंत्रालय ने जवाब दिया है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि हम अन्य देशों से भी भारत की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करने की उम्मीद करते हैं। चीन जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में एक बड़े इलाके पर सिलसिला जारी है। इसने 1963 के तथाकथित चीन-पाकिस्तान सीमा समझौते के तहत पीओके से अवैध रूप से भारतीय क्षेत्रों का अधिग्रहण किया है।

करतारपुर जाने वाले तीर्थयात्रियों में सिद्धू के नाम पर क्या बोले?

करतारपुर कॉरिडोर के उद्घाटन पर जाने वाले तीर्थयात्रियों के पहले जत्थे में नवजोत सिंह सिद्धू के नाम पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, मुझे लगता है कि राजनीतिक हस्तियों या आमंत्रितों जिनको राजनीतिक मंजूरी लेनी है या जिनका नाम सूची में नहीं है, को पता होगा। इसमें कोई आश्चर्य नहीं है। उन्‍होंने कहा, मेरी समझ से इस तरह की यात्राओं के लिए राजनीतिक मंजूरी लेने के सामान्य नियम ही लागू होंगे।

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोरसे
TAGS: EU MPs, J&K Tour, Visits, Official Channels
OUTLOOK 31 October, 2019
Advertisement