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03 July 2022

गुजरात: 2002 गोधरा कांड के आरोपी को उम्रकैद, पिछले साल हुआ था गिरफ्तार

गुजरात की एक अदालत ने 2002 में गोधरा ट्रेन कांड के मामले में एक आरोपी को उम्रकैद की सजा सुनाई है, जिसमें 59 'कारसेवक' मारे गए थे, जिसने गुजरात के इतिहास में सबसे खराब दंगों को जन्म दिया था।

गुजरात के पंचमहल जिले के गोधरा में एक अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश की एक अदालत ने शनिवार को आरोपी रफीक भाटुक को आजीवन कारावास की सजा सुनाई, जिसे फरवरी 2021 में गिरफ्तार किया गया था।

इस मामले में उनके खिलाफ मुकदमा पिछले साल उनकी गिरफ्तारी के बाद शुरू हुआ था।

उन पर 27 फरवरी, 2002 को अयोध्या से 'कारसेवकों' के साथ लौट रही एक ट्रेन को आग लगाने के मामले में शामिल होने का आरोप लगाया गया था, जिसमें 59 लोगों की मौत हो गई थी। इससे राज्य में सांप्रदायिक दंगे हुए थे, जिसमें 1,200 से अधिक लोग मारे गए थे, जिनमें ज्यादातर अल्पसंख्यक समुदाय के थे।

विशेष लोक अभियोजक आरसी कोडेकर ने कहा कि भाटुक इस मामले में अब तक 35वें आरोपी हैं जिन्हें अदालत ने दोषी ठहराया है।

पंचमहल पुलिस के एक विशेष अभियान समूह (एसओजी) ने पिछले साल फरवरी में गोधरा शहर के एक इलाके से भाटुक को गिरफ्तार किया था। वह मामले में आरोपी बनाए जाने के बाद गोधरा से फरार हो गया था और यहां लौटने से पहले विभिन्न शहरों में रुका था।

इससे पहले विशेष एसआईटी अदालत ने इस मामले में एक मार्च 2011 को 31 लोगों को दोषी ठहराया था। इनमें से 11 को मौत की सजा सुनाई गई थी, जबकि 20 को उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी।

गुजरात उच्च न्यायालय ने अक्टूबर 2017 में विशेष एसआईटी अदालत द्वारा 20 अन्य को दी गई सजा को बरकरार रखते हुए 11 दोषियों की मौत की सजा को आजीवन कारावास में बदल दिया था।

बाद में इस मामले में तीन और लोगों को दो मौकों पर आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई।

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TAGS: गुजरात, 2002 गोधरा कांड, रफीक भाटुक, Gujarat, Rafik Bhatuk, 2002 Godhra train burning case, life imprisonment
OUTLOOK 03 July, 2022
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