गुजरात में 200 बच्चों की मौतों पर कांग्रेस ने पीएम पर साधा निशाना, सवाल पर सीएम रूपाणी ने भी साधी चुप्पी
राजस्थान के कोटा और जोधपुर के बाद गुजरात में राजकोट और अहमदाबाद के दो सरकारी अस्पतालों में लगभग 200 बच्चों की मौत हो चुकी है। कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर बच्चों की मौतों के लिए निशाना साधा है। कांग्रेस ने कहा कि पीएम मोदी और गृह मंत्री अभी तक इस मुद्दे पर मौन क्यों हैं। वहीं इसे लेकर मीडिया की ओर से सवाल पूछे जाने पर राज्य के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी बगैर कोई जवाब दिए चुपचाप चले गए। इस बीच कांग्रेस ने भाजपा सरकार पर निशाना साधा है।
दरअसल, राजकोट सिविल अस्पताल के डीन मनीष मेहता ने कहा कि अस्पताल में दिसंबर के महीने में 111 बच्चों की मौत हो गई थी। जबकि अहमदाबाद सिविल अस्पताल के अधीक्षक जीएस राठौड़ ने कहा कि दिसंबर में 455 नवजात शिशुओं नवजात शिशु गहन चिकित्सा इकाई (आईसीयू) भर्ती किया गया था जिसमें से 85 बच्चों की मौत हो गई। बच्चों की मौत के लिए दोनों ही डॉक्टरों ने कोई कारण नहीं बताया।
सरकारी अस्पताल में शिशुओं की मौत की रिपोर्ट के बारे में पूछे जाने पर गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने कोई जवाब नहीं दिया और चुपचाप चले गए। बता दें कि रूपाणी राजकोट पश्चिम विधानसभा सीट से विधायक भी हैं।
कांग्रेस ने बोला हमला
राजकोट और अहमदाबाद के सिविल अस्पतालों में बच्चों की मौत पर कांग्रेस ने भाजपा पर हमला बोला है। अखिल भारतीय महिला कांग्रेस की अध्यक्ष और पार्टी की राष्ट्रीय प्रवक्ता सुष्मिता देव ने ट्वीट कर कहा कि क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन बीजेपी शासित गुजरात में बच्चों की मौत पर मौन रहेंगे। कांग्रेस के गुजरात प्रभारी राजीव सातव ने भी पीएम मोदी और शाह की चुप्पी पर सवाल उठाया।
'क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और हर्षवर्धन अभी भी चुप रहेंगे?'
देव ने कहा कि राजकोट के सिविल अस्पताल में 134 बच्चों की मौत हुई है। जबकि अहमदाबाद के सिविल अस्पताल में 85 बच्चों की मौत हुई है। क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और हर्षवर्धन अभी भी चुप रहेंगे। आशा है कि राष्ट्रीय मीडिया इस त्रासदी को उजागर करेगा। बच्चों के लिए चिंता का विषय सलेक्टिव नहीं होना चाहिए। देव ने अपने ट्वीट में भाजपा सांसद लॉकेट चटर्जी को भी टैग किया है, जो कि राजस्थान के कोटा में एक अस्पताल में बच्चों की मौत को लेकर गठित पार्टी के चार सांसदों वाली समिति की सदस्य हैं।