फर्जीवाड़े में फंसा हेमा मालिनी का प्रतिनिधि
लगता है भारतीय जनता पार्टी की मथुरा की सांसद हेमा मालिनी की मुश्किलों का सिलसिला खत्म होने को तैयार नहीं है। पहले मथुरा में रहने वाली विधवाओं पर वह बयान दे कर उन्हें आलोचना सहनी पड़ी थी फिर वहां के बंदरों की बढ़ती तादाद को काबू में लाने के लिए बंध्याकरण की सलाह दे कर वह फंस गईं। अब उनके स्थानीय प्रतिनिधि जनार्दन शर्मा को फर्जीवाड़े के एक मामले में अदालत में पेश न होने पर भगोड़ा घोषित कर दिया गया है। अदालत ने उनके खिलाफ कुर्की की कार्रवाई के आदेश जारी कर दिए हैं।
जर्नादन शर्मा, सांसद हेमा मालिनी के जनसंपर्क एवं सरकारी विभागों के साथ सांसद क्षेत्रीय विकास निधि के कामकाज में अधिकारियों के साथ तालमेल बनाने का काम देखते हैं। शर्मा पर उनकी साझोदारी की निर्माण कंपनी में भागीदार के साथ फर्जीवाड़े और धोखाधड़ी का गंभीर आरोप है।
पुलिस ने उनके विरुद्ध धोखाधड़ी, गलत तकीके से दस्तावेज तैयार करने, चोरी, अभद्र भाषा के प्रयोग और जान से मारने की धमकी देने जैसी गंभीर धाराओं में मामला दर्ज कर आरोप पत्र दाखिल कर दिया था। लेकिन अदालत द्वारा समन जारी किए जाने के बाद भी वह हाजिर नहीं हुए। जब वह हाल ही में सुनवाई की तारीख पर फिर उपस्थित नहीं हुए तो निचली अदालत के न्यायिक दंडाधिकारी पवन श्रीवास्तव की अदालत ने शर्मा को भगोड़ा घोषित करते हुए उसके खिलाफ दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 82 के तहत कुर्की के आदेश जारी कर दिए।
इस पूरे मामले में शर्मा ने पूरे मामले को झूठा बताकर खुद को बेकसूर बताया है। उनका कहना था कि उन्हें इस प्रकार के किसी मामले की जानकारी नहीं है। उनके खिलाफ कोई मुकदमा दर्ज किए जाने की सूचना उन्हें अखबारों के माध्यम से ही मिली है।