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05 January 2021

रिलायंस टावर तोड़ने के मामले में पंजाब और केंद्र सरकार को हाईकोर्ट का नोटिस, 8 फरवरी तक मांगा जवाब

File Photo

केंद्र सरकार के कृषि क्षेत्र से जुड़े तीन कानूनों के विरोध में रिलायंस जियो के टावर में तोड़फोड़ मामले पर पंजाब हरियाणा उच्च न्यायालय ने मंगलवार को नोटिस जारी करके आठ फरवरी तक केंद्र और पंजाब सरकार से जवाब मांगा है। रिलायंस की तरफ से सोमवार को दायर याचिका पर पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय ने आज सुनवाई के दौरान केंद्र और पंजाब सरकार को नोटिस जारी करके जवाब तलब किया है। नोटिस का जबाव आठ फरवरी तक देना है। 

रिलायंस की तरफ से हाजिर वरिष्ठ अधिवक्ता आशीष चोपड़ा ने कहा,“ किसान आंदोलन की आड़ में उपद्रवियों ने 1500 टावरों को नुकसान पहुचाया गया, जिससे एक करोड़ 40 लाख लोग प्रभावित हुए। रिलायंस का आरोप है कि तोड़फोड़ के लिए इन उपद्रवियों को उसकी प्रतिद्वंद्वी कंपनियों ने अपने निहित स्वार्थ के कारण उकसाया। किसान आंदोलन को मोहरा बनाकर रिलायंस के खिलाफ लगातार एक कुटिल, दुर्भावनायुक्त और विद्वेषपूर्ण अभियान चलाया है। कृषि कानूनों से रिलायंस का नाम जोड़ने का एकमात्र उद्देश्य हमारे व्यवसायों को नुकसान पहुंचाना और हमारी प्रतिष्ठा को तहस-नहस करना है।”

पंजाब सरकार की तरफ से सुनवाई के दौरान एडवोकेट जनरल अतुल नंदा ने न्यायालय में कहा कि राज्य सरकार ने 1019 गश्ती दल और सभी जिलों में 22 नोडल अधिकारी तैनात किए हैंं, जो रिलायंस की संपत्ति को हुए नुकसान का जायजा लेगें और आगे किसी तरह की कोई क्षति नहीं हो,इस पर निगरानी रखेंगे।
केंद्र की तरफ से अतिरिक्त सालिसिटर जरनल सत्यपाल जैन सुनवाई के दौरान न्यायालय में मौजूद थे।

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एडवोकेट जरनल नंदा ने न्यायालय में कहा कि राज्य सरकार इस मामले में पूरी तरह गंभीर है। संपत्तियों को किसी भी तरह का नुकसान नहीं हो इसका ध्यान रखा जायेगा और आरोपितों पर पूरी कार्रवाई की जा रही है। दोनों पक्षों की दलीलों के बाद न्यायालय ने केंद्रीय गृह सचिव, राज्य के गृह सचिव, पुलिस महानिदेशक और दूरसंचार विभाग को नोटिस जारी कर 08 फरवरी तक जवाब देने का निर्देश दिया।

केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के विरोध में चल रहे किसान आंदोलन के दौरान पंजाब में रिलायंस जियो के डेढ़ हजार से अधिक टावरों में तोड़फोड़ की गई जिससे राज्य में दूरसंचार व्यवस्था पर बुरा असर पड़ा है।

सोमवार को रिलायंस इंडस्ट्रीज ने अपनी अनुषंगी जियो इन्फोकाम के मार्फत पंजाब एवं हरियाणा न्यायालय में याचिका दायर की थी। कंपनी ने उसके खिलाफ दुष्प्रचार करने और तोड़फोड़ की जांच तथा सपंति की सुरक्षा की मांग की है। याचिका में केंद्रीय गृह सचिव, दूरसंचार मंत्रालय और पंजाब के गृह सचिव और पुलिस महानिदेशक को प्रतिवादी बनाया गया है।

याचिका में कहा गया था कि तीन नए कृषि कानूनों का कंपनी से कोई लेना-देना नहीं है, और न ही किसी भी तरह से उसे इनका कोई लाभ पहुंचता है। अपनी स्थिति स्पष्ट करने के लिए कोर्ट में रिलायंस ने कहा कि रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड, रिलायंस रिटेल लिमिटेड (आरआरएल), रिलायंस जियो इंफोकॉम लिमिटेड (आरजेआईएल) और रिलायंस से जुड़ी कोई भी अन्य कंपनी न तो कॉरपोरेट या कॉन्ट्रैक्ट खेती करती है और न ही करवाती है। और न ही इस बिजनेस में उतरने की कंपनी की कोई योजना है।

“कॉर्पोरेट” या “कॉन्ट्रैक्ट” खेती के लिये रिलायंस या रिलायंस की सहायक किसी भी कंपनी ने प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से खेती की कोई भी जमीन हरियाणा-पंजाब अथवा देश के किसी दूसरे हिस्से नहीं खरीदी है। न ही ऐसा करने की कोई योजना है। रिलायंस ने कोर्ट को यह भी बताया कि रिलायंस रिटेल संगठित रिटेल सेक्टर की कंपनी है और विभिन्न कंपनियों के अलग-अलग उत्पाद बेचती है पर कंपनी किसानों से सीधे खाद्यान्नों की खरीद नही करती और न ही किसानों के साथ कोई दीर्घकालीन खरीद अनुबंध में कंपनी शामिल है।

रिलायंस ने 130 करोड़ भारतीयों का पेट भरने वाले किसान को अन्नदाता बताया और किसान की समृद्धी और सशक्तिकरण के लिए अपनी प्रतिबद्धता जाहिर की। किसानों में फैली गलतफहमियां दूर करते हुए रिलायंस ने कोर्ट को बताया कि वह और उनके आपूर्तिकर्ता, न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) या तयशुदा सरकारी मूल्य पर ही किसानों से खरीद पर जोर देंगे। ताकि किसान को उसकी उपज का बेहतरीन मूल्य मिल सके।

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TAGS: Punjab Hariyana High court, Punjab Government, Central Government, Reliance Tower, रिलायंस पहुंची हाईकोर्ट, पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट का नोटिस
OUTLOOK 05 January, 2021
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