अमरनाथ यात्रा शुरू, हिजबुल का ऐलान- नहीं करेंगे श्रद्धालुओं पर हमला
अमरनाथ यात्रा के लिए पहला जत्था बुधवार को रवाना हो गया है। भारी सुरक्षा के बीच सुबह जम्मू कश्मीर के मुख्य सचिव बीवीआर सुब्रमण्यम, जम्मू-कश्मीर राज्यपाल के दो सलाहकार विजय कुमार और बीबी व्यास ने अमरनाथ यात्रा के पहले जत्थे को हरी झंडी दी और जम्मू बेस कैंप से यात्रा के लिए रवाना किया। इस दौरान जम्मू कश्मीर के कुख्यात आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन ने अमरनाथ यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं को सुरक्षा का विश्वास दिलाया है। हिजबुल की ओर से जारी एक ऑडियो में कहा गया कि अमरनाथ यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं पर हमला करना उनका मकसद नहीं है।
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, हिज्बुल मुजाहिद्दीन की ओर से कथित तौर पर जारी किया गया एक ऑडियो सामने आया है जिसमें उसने अमरनाथ जाने वाले श्रद्धालुओं को उनकी सुरक्षा को लेकर आश्वस्त किया है। ऑडियो में कहा गया है कि श्रद्धालुओं को तब तक डरने की जरूरत नहीं है जब तक वह कश्मीर केवल अपने धार्मिक कर्तव्यों को पूरा करने आ रहे हैं।
ऑडियो में सुनाई दे रही आवाज आतंकवादी समूह के कमांडर रियाज नाइकू की कही जा रही है। हालांकि इस ऑडियो की प्रमाणिकता की पुष्टि नहीं हो सकी है। वाट्सएप पर प्रसारित हुई 15 मिनट की इस क्लिप के साथ नाइकू की तस्वीर है।
कश्मीरी पंडितों का स्वागत लेकिन...
ऑडियो में कश्मीरी पंडितों को उनके पैतृक घरों में वापसी का स्वागत किया गया लेकिन घाटी में उनके लिए अलग बस्तियों की स्थापना के लिए किसी भी योजना के खिलाफ चेतावनी दी गई।
‘तीर्थयात्रियों से कोई दुश्मनी नहीं’
नायकू ने कहा, "हमारी लड़ाई केवल जम्मू-कश्मीर में भारत के कब्जे के खिलाफ है। हमारे पास भारत के लोगों या अमरनाथ तीर्थयात्रियों के खिलाफ कुछ भी नहीं है जो धार्मिक कारणों से यहां आते हैं। हालांकि, उन्हें तीर्थयात्रा को कश्मीर के राजनीतिक मुद्दे से नहीं जोड़ना चाहिए।" हिजबुल कमांडर ने कहा कि तीर्थयात्रियों को उनकी सुरक्षा के बारे में चिंता करने की जरूरत नहीं है और वे सुरक्षा के बिना भी कश्मीर आ सकते हैं।
पहला जत्था रवाना
बता दें कि बहुस्तरीय सुरक्षा घेरे में अमरनाथ यात्रा के लिए श्रद्धालुओं का पहला जत्था सुबह जम्मू के भगवती नगर आधार शिविर से रवाना हुआ। यात्रियों का ये पहला जत्था कश्मीर के दो आधार शिविरों बालटाल और पहलगाम से रवाना हुआ है। इस जत्थे में कुल 1904 श्रद्धालु हैं, जिनमें 1554 पुरुष, 320 महिलाएं और 20 बच्चे शामिल हैं।
सियासत, सुरक्षा और यात्रा
जम्मू-कश्मीर में राज्यपाल शासन लगने के बाद आतंकियों के खिलाफ सेना का ऑपरेशन और तेज हो गया है। इस दौरान अमरनाथ यात्रियों को पुख्ता सुरक्षा मुहैय्या कराना भी सरकार बड़ी जिम्मेदारी है। ऐसे में हिजबुल के कथित ऑडियो को बड़ी राहत के तौर पर देखा जा रहा है। जम्मू-कश्मीर राज्यपाल के सलाहकार विजय कुमार ने कहा कि अमरनाथ यात्रा सबके लिए बेहद महत्वपूर्ण होती है। जनता के सहयोग से, सभी सुरक्षा एजेंसियों और विकास एजेंसियों के साथ हमने एक सुरक्षा को लेकर योजना बनाई है। यात्रियों की चिंताओं को दूर करने और यातायात के आसान प्रवाह को सुनिश्चित करने के लिए वे पूरी कोशिश कर रहे हैं।