एचआरडी मंत्रालय ने आईआईटी में एमटेक पाठ्यक्रम की फीस वृद्धि का निर्णय फिलहाल टाला
मानव संसाधन विकास मंत्रालय (एचआरडी) ने आईआईटी में एमटेक पाठ्यक्रम का शुल्क बढ़ाने का निर्णय फिलहाल टाल दिया है।
मंत्रालय ने सितंबर में आईआईटी परिषद के शुल्क वृद्धि के फैसले को लागू करने का ऐलान किया था। इस मुद्दे पर अगली बैठक में फिर से चर्चा की जाएगी।
यह निर्णय ऐसे समय में लिया गया है जब हाल ही में जेएनयू के छात्रों ने शुल्क वृद्धि के खिलाफ व्यापक स्तर पर प्रदर्शन किया। हालांकि, एचआरडी मंत्रालय के अधिकारियों ने इस संबंध में कोई टिप्पणी नहीं की कि इसे क्यों टाला गया। परिषद की अगली बैठक की तारीख अभी तय नहीं की गई है।
लगभग तीन महीने पहले, सितंबर 2019 में देश के सभी भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों (आईआईटी) में मास्टर ऑफ टेक्नोलॉजी पाठ्क्रम का शुल्क बढ़ाने की घोषणा की गई थी। अलग-अलग आईआईटीज के शुल्क में ये वृद्धि पांच से दस गुना तक किए जाने का फैसला लिया गया था। सरकार का यह फैसला फिलहाल लाखों छात्रों को राहत देने वाला है।
हालांकि जब आईआईटी काउंसिल ने फीस में बढ़ोत्तरी की थी उस वक्त स्टूडेंट्स ने इस फैसले का भारी विरोध किया था, उस दौरान मंत्रालय ने काउंसिल ने यह कहकर समर्थन किया था कि इस फैसले से स्टूडेंट्स का ड्रॉप आउट रोका जा सकेगा।
दरअसल मंत्रालय के मुताबिक स्टूडेंट्स एमटेक कोर्स में दाखिला तो ले लेते थे मगर जॉब मिल जाने के बाद वे कोर्स बीच में ही छोड़कर चले जाते थे। इससे सीटों का काफी नुकसान होता था। अब बढ़ी हुई फीस से सीटों को खराब होने से रोका जा सकेगा।
मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल "निशंक" की अगुवाई वाली आईआईटी परिषद ने मास्टर्स प्रोग्राम के लिए शुल्क में बढ़ोतरी और इसे सितंबर में बीटेक पाठ्यक्रम के स्तर पर लाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी। आईआईटी में एमटेक कार्यक्रम में सुधार पर तीन सदस्यीय समिति की सिफारिशों पर निर्णय लिया गया। आईआईटी काउंसिल सभी 23 आईआईटी की सर्वोच्च निर्णय लेने वाली संस्था है।