यमुना एक्सप्रेसवे पर उतरा जेट विमान
देश में ऐसा प्रयोग पहली बार किया गया है और इस दौरान एक्सप्रेसवे को पूरी तरह से बंद कर दिया गया था। इस एक्सरसाइज के दौरान बड़ी संख्या में एयरफोर्स के अफसर भी मौजूद थे। मिराज-2000 के टचडाउन से पहले वायुसेना के एक हेलिकॉप्टर ने कई चक्कर भी लगाए। दरअसल यूपी सरकार की ओर से यमुना एक्सप्रेस वे की तरह ही ताज एक्सप्रेस का निर्माण भी किया जा रहा है, जो लखनऊ से आगरा को जोड़ेगा।
वायुसेना का विचार है कि एक्सप्रेस वे के एक हिस्से को इस तरह से बनाया जाए कि आपात स्थिति में लड़ाकू जहाजों को यहां उतारा जा सके। इसे लेकर वायुसेना और यूपी सरकार के बीच कई दौर की बातचीत भी हो चुकी है। यह पहला मौका है जब भारतीय वायु सेना का कोई विमान किसी राजमार्ग पर उतरा है। वायु सेना के वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि विमान सुबह छह बजकर 40 मिनिट पर राजमार्ग पर उतरा।
उन्होंने बताया कि सेना की योजना भविष्य में और अधिक राजमार्गों पर ऐसे क्षेत्रों को स्थापित करने की है। भारतीय वायु सेना लड़ाकू विमानों की आपात स्थिति में लैंडिंग के लिए राष्ट्रीय राजमार्गों का उपयोग करने पर विचार कर रही है। इस परीक्षण के लिए भारतीय वायुसेना ने अस्थायी यातायात नियंत्रक, सुरक्षा सेवाओं, बचाव वाहनों, पक्षियों को हटाने वाले दलों और अन्य जरूरतों सहित सभी तैयारियां कर रखी थीं।
वायुसेना के एक बयान में कहा गया है, यह अभियान आगरा तथा मथुरा के जिला मजिस्ट्रेटों और पुलिस अधीक्षकों के समन्वय से चलाया गया है। जमीन पर उतरने से पहले विमान 100 मीटर नीचे आया और फिर राजमार्ग पर उतरा। वायुसेना के अधिकारियों ने बताया कि विपरीत परिस्थितियों में अगर सक्रिय हवाईअड्डा उपलब्ध न हो तो आपातस्थिति में इस तरह लैंडिंग की जा सकती है।