ICSE बोर्ड द्वारा जारी किए कक्षा 10वीं और 12वीं के परिणाम, यहां देख सकते हैं रिजल्ट
काउंसिल फॉर द इंडियन स्कूल सर्टिफिकेट एग्जामिनेशन (सीआईएससीई) आज दोपहर 3 बजे कक्षा 10वीं और कक्षा 12वीं के छात्रों के परिणाम घोषित किए गए। बोर्ड के मुख्य कार्यकारी और सचिव गेरी अराथून ने शुक्रवार को यह घोषणा की। सीआईएससीई के लिए इस वर्ष कुल पास प्रतिशत 99.98% और आईएससी के लिए 99.76% है।
गौरतलब है कि बोर्ड ने देश भर में कोरोनावायरस के बढ़ते मामलों के कारण दोनों कक्षाओं की अंतिम परीक्षा रद्द कर दी थी, जिसमें घोषणा की थी कि अंतिम परिणामों की गणना वैकल्पिक मूल्यांकन नीति के आधार पर की जाएगी।
कैसे चेक करें रिजल्ट?
बोर्ड के मुताबिक काउंसिल की वेबसाइट और एसएमएस के जरिए रिजल्ट उपलब्ध कराया जाएगा।
वेबसाइट के माध्यम से करें चेक:
https://www.cisce.org/ पर लॉग ऑन करें। उसके बाद 'दसवीं कक्षा (आईसीएसई) और कक्षा बारहवीं (आईएससी) वर्ष 2021 परीक्षा के परिणाम' पर क्लिक करें।
एसएमएस के जरिए देखे रिजल्ट-
एसएमएस से रिजल्ट प्राप्त करने के लिए दसवीं के छात्र को आईसीएसई लिखकर अपना सात अंकों का यूनीक आईडी नंबर टाइप कर इस नंबर 09248082883 पर भेजना होगा।
इसी प्रकार 12वीं के छात्रों को रिजल्ट प्राप्त करने के लिए आईएससी अपना सात अंकों का यूनीक आईडी टाइप कर इस नंबर 09248082883 पर भेजना होगा।
स्कूलों के लिए, सारणीकरण रजिस्टर करियर पोर्टल के माध्यम से उपलब्ध कराए जाएंगे। स्कूल प्रिंसिपल के लॉगिन आईडी और पासवर्ड का उपयोग करके परिषद के करियर पोर्टल में लॉग इन करके परिणाम प्राप्त कर सकते हैं।
कैसे करें अंकों की दोबार जांच?
परीक्षा रद्द होने के चलते इस बार विद्यार्थियों को उत्तर पुस्तिकाओं की रीचेकिंग की सुविधा नहीं मिलेगी। यदि किसी विद्यार्थी को अपने अंकों की गणना को लेकर कोई आपत्ति होती है तो उसे अपने स्कूल को इसका कारण बताते हुए लिखित आवेदन देना होगा।
इसके लिए बोर्ड ने समाधान तंत्र बनाया है। जिसके बाद स्कूल उस पर विचार कर सकेंगे और विद्यार्थी के कारण से संतुष्ट होने के बाद ही उसे सीआईएससीई के पास भेजेंगे। इसलिए बोर्ट ने स्कूलों को 1 अगस्त तक का वक्त दिया है।
स्कूलों को स्पष्ट कह दिया गया है कि आवेदन की समीक्षा स्कूल प्रमुख के भेजने पर ही की जाएगी। बोर्ड अपना फैसला स्कूल प्रमुख को ही बातएगा। अगर समीक्षा के बाद रिजल्ट में परिवर्तन होता है तो बोर्ड इसी जानकारी स्कूल को देगा। बोर्ड ने साफ कहा है कि तंत्र के तहत केवल अंकों की गणना में हुई त्रुटियों का ही सुधार होगा।