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03 May 2019

येचुरी के रामायण-महाभारत में हिंसा के बयान पर विवाद, शिवसेना ने बोला अपना नाम "सीताराम" बदलें

मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में कांग्रेस उम्मीदवार और प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह का चुनाव प्रचार करते हुए सीपीएम नेता सीताराम येचुरी ने कहा कि, “साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर कहती हैं कि हिंदू हिंसा में विश्वास नहीं करते। लेकिन देश में कई राजाओं और रियासतों ने लड़ाई लड़ी है। यहां तक कि रामायण और महाभारत भी हिंसा के उदाहरणों से भरे हुए हैं। एक प्रचारक होने के नाते, आप महाकाव्यों का वर्णन करते हैं और फिर भी दावा करते हैं कि हिंदू हिंसक नहीं हो सकते? ऐसा कहने के पीछे क्या तर्क है? एक धर्म है जो हिंसा में संलग्न है और हम हिंदू कहते हैं हम ऐसे नहीं हैं।” येचुरी ने भाजपा पर विभाजनकारी नीतियों के माध्यम से वोटों के लिए समाज के टुकड़े करने का भी आरोप लगाया।

इनका मूल मुद्दा बांटना

येचुरी ने तीखा हमला बोलते हुए कहा, "चुनाव के प्रारंभिक चरण समाप्त हो जाने के बाद, वे लोग मूल हिंदुत्व के एजेंडे में वापस आ गए हैं जैसे, अनुच्छेद 35 ए और 370 को हटाने, विवादित जमीन पर राम मंदिर बनाने और एनआरसी। ऐसे मुद्दों की पीठ पर, निर्णय। तीसरे चरण के बाद भोपाल से चुनाव लड़ने के लिए साध्वी प्रज्ञा ठाकुर को लाने के लिए लोगों की भावनाओं को शांत करने के आधार पर एक कदम उठाया गया है। येचुरी का कहना है कि साध्वी प्रज्ञा को टिकट देना, जनता की भावनाओं के साथ खिलवाड़ है।

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येचुरी ने मौर्य साम्राज्य द्वारा बौद्ध दर्शन की स्वीकृति का हवाला देते हुए देश की अहिंसात्मक परंपराओं को याद किया। सीपीएम नेता ने कहा, "मौर्य साम्राज्य ने कलिंग की लड़ाई के बाद बौद्ध धर्म स्वीकार कर लिया। अशोक का कहना था कि जो कोई भी अन्य समुदायों पर हमला करता है, वह अपने समुदाय को नुकसान पहुंचाता है। ये हमारी परंपरा है, वही नहीं जिसका प्रचार भाजपा करती है।’’

शिवसेना ने बोला हमला

येचुरी के इतना कहते ही शिवसेना ने उन पर हमला बोल दिया है। शिवसेना ने कहा है कि उन्हें सबसे पहले अपना नाम ‘सीताराम’ बदलना चाहिए। शिवसेना नेता संजय राउत ने अपनी टिप्पणी के लिए सीपीएम के सीताराम येचुरी को लताड़ लगाई। उन्होंने इस बात पर घोर आपत्ति की कि "रामायण और महाभारत हिंदू हिंसा का नमूना हैं।" राउत ने कहा, "हिंदुओं के हिंसक होने का क्या अर्थ है? रामायण और महाभारत ने एक संदेश दिया, बुराई पर अच्छाई की जीत, असत्य पर सत्य की जीत। राम, कृष्ण और अर्जुन सत्य के प्रतीक हैं। यदि वे इस तरह का अर्थ निकालते हैं तो कल को जब हमारे जवान पाकिस्तान के खिलाफ लड़ेंगे तो वे कहेंगे कि हमारे जवान हिंसा करते हैं।

उन्होंने कहा, "सीताराम येचुरी की विचारधारा उनकी अपनी विचारधारा है। उनकी विचारधारा का केवल एक ही उद्देश्य है, हिंदुओं पर हमला करना और खुद को प्रमुख धर्मनिरपेक्ष व्यक्ति बताना।" शिवसेना नेता ने कहा, "अगर सीताराम येचुरी रामायण और महाभारत  को हिंदू हिंसा का उदाहरण बुलाते हैं, तो उन्हें अपने नाम से सीताराम को हटा देना चाहिए। उन्हें अपने उम्मीदवार कन्हैया कुमार का नाम भी बदल देना चाहिए।"

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TAGS: sitaram yechury, ramayan, mahabharat, shiv sena, sanjay raut
OUTLOOK 03 May, 2019
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