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04 May 2017

आईआईटी दिल्ली: छात्रों की खुदकुशी रोकने के लिए होगा पाठ्यक्रम में बदलाव

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नया पाठ्यक्रम अगले वर्ष से लागू हो सकता है जिसमें सैद्धांतिक पढ़ाई पर कम जोर देने के साथ छात्रों को अधिक से अधिक प्रायोगिक और व्यावहारिक अनुभव देने का प्रयास किया जाएगा। आईआईटी के विभागों से संशोधित पाठ्यक्रम की रूपरेखा बनाने को कहा गया है जिसके बाद संचालक मंडल इसे स्वीकृति देगा।

क्यों लिया गया यह फैसला?

आईआईटी दिल्ली के निदेशक वी रामगोपाल राव ने कहा कि आईआईटी संस्थानों में तनावग्रस्त छात्रों की मदद के लिए लगातार प्रयास किये जाते हैं, फिर भी एक दो मामले आ ही जाते हैं। सभी आईआईटी कदम उठा रहे हैं लेकिन कुछ भी पर्याप्त नहीं लगता। उन्होंने कहा कि आईआईटी दिल्ली के एक आंतरिक सर्वेक्षण में पता चला कि छात्रों और संस्थान की अपेक्षाएं मेल नहीं खातीं। मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने सभी आईआईटी से छात्रों की खुदकुशी की प्रवृत्ति पर रोकथाम के लिए मौजूदा उपायों के अलावा नये कदम उठाने को कहा, इसके मद्देनजर यह फैसला लिया गया।

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आईआईटी संस्थानों में होंगे वेलनेस सेंटर

वी रामगोपाल राव के अनुसार  जब तक विद्यार्थी आईआईटी पहुंचते हैं, वे लगातार पढ़-पढ़कर थक चुके होते हैं और वे थोड़ी मौज-मस्ती चाहते हैं। दुर्भाग्य से हम उसकी कोई गुंजाइश नहीं रखते। देश में 23 आईआईटी संस्थानों की शीर्ष समन्वय इकाई आईआईटी परिषद ने पिछले सप्ताह केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर की अध्यक्षता में हुई बैठक में फैसला किया था कि आईआईटी संस्थानों में वेलनेस सेंटर होंगे जिससे छात्रों को मानसिक अवसाद को दूर करने में मदद मिले।

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TAGS: students suicides, IIT, DELHI, HRD, syllabus change, दिल्ली, आईआईटी, पाठ्यक्रम, बदलाव, शिक्षा, आत्महत्या, रोकना
OUTLOOK 04 May, 2017
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