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31 July 2019

एनएमसी विधेयक के खिलाफ डॉक्टरों की हड़ताल, सिर्फ आपात सेवाएं चालू

राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग (नेशनल मेडिकल कमीशन-एनएमसी) विधेयक को पारित किए जाने के विरोध में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने बुधवार को देश भर में 24 घंटे के लिए गैर आवश्यक सेवाएं ठप करने का आह्वान किया है। बहरहाल, हड़ताल के दौरान आपात, दुर्घटना, आईसीयू और अन्य संबंधित सेवाएं अप्रभावित रहेंगी। यह आयोग भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरी मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (एमसीआई) की जगह लेगा।

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) का कहना है कि यह विधेयक गरीबों, छात्रों और लोकतंत्र का विरोधी है। आईएमए देश में डॉक्टरों और छात्रों की सबसे बड़ी संस्था है, जिसमें लगभग तीन लाख सदस्य हैं। इसने अपनी स्थानीय शाखाओं में प्रदर्शन और भूख हड़ताल का आह्वान किया है और आईएमए के साथ एकजुटता दिखाने के लिए छात्रों से कक्षाओं के बहिष्कार का अनुरोध किया है।

मंगलवार को एफओआरडीए के प्रतिनिधियों और एम्स रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन ने ‘‘अलोकतांत्रिक और गैर संघीय’’ विधेयक के खिलाफ कार्रवाई को लेकर फैसला करने के लिए आपात बैठक की। उन्होंने कहा कि उनके बीच मौजूदा रूप में विधेयक का विरोध करने पर सहमति बनी। एम्स आरडीए के अध्यक्ष अमरिंदर सिंह मलही और छात्र यूनियन के अध्यक्ष मुकुल कुमार ने एक संयुक्त बयान में कहा, ‘‘हमें अब भी उम्मीद है कि विधेयक को राज्यसभा में पारित किए जाने से पहले इसमें कुछ आवश्यक संशोधन किए जाएंगे।’’

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सरकार उदासीन रही तो तेज होगा प्रदर्शन

आईएमए एक बयान में चेतावनी दी है कि अगर सरकार ‘‘उनकी चिंताओं के प्रति उदासीन रही’’ तो वे अपना प्रदर्शन तेज कर देंगे। इस बीच ‘फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन’ (एफओआरडीए) से संबद्ध डॉक्टरों और अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन ने प्रदर्शन के मद्देनजर अपना विरोध जताने के लिए काली पट्टी बांधकर काम करने का फैसला किया है।

इससे सिर्फ नीम-हकीमी को वैधता

संबंधित विधेयक सोमवार को लोकसभा में पारित हो गया था। देशभर के हजारों डॉक्टर इसके विरोध में प्रदर्शन कर रहे हैं। आईएमए के राष्ट्रीय अध्यक्ष शांतनु सेन ने कहा कि आईएमए इस विधेयक को खारिज करती है और उसका प्रदर्शन जारी रहेगा। आईएमए के महासचिव आर वी अशोकन ने कहा, ‘‘इससे सिर्फ नीम-हकीमी को वैधता मिलेगी और लोगों की जान खतरे में पड़ जाएगी।’’

नेशनल मेडिकल कमीशन बिल से भ्रष्टाचार पर लगेगी रोक

केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री हर्षवर्धन ने सोमवार को लोकसभा में कहा कि राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग विधेयक-2019 का मकसद चिकित्सा क्षेत्र में भ्रष्टाचार पर रोक लगाना है। इसमें भारतीय चिकित्सा परिषद (एमसीआई) की जगह राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग के गठन का प्रावधान है।

हर्षवर्धन ने सदन में इस विधेयक पर चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि सरकार सबको बेहतर स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि भारतीय चिकित्सा परिषद (एमसीआई) में लंबे समय से भ्रष्टाचार की शिकायतें आ रही थीं। इस मामले में सीबीआई जांच भी हुई। ऐसे में इस संस्था में बदलाव करना जरूरी है। उन्होंने कहा कि विधेयक में राज्यों के अधिकारों का पूरा ख्याल रखा गया है। राज्यों को इसमें संशोधन करने का अधिकार होगा। हर्षवर्धन ने कहा कि मोदी सरकार भ्रष्टाचार को बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं करने की नीति पर अमल कर रही है। यह विधेयक भी इसी भावना के साथ लाया गया है। सरकार का यह कदम चिकित्सा क्षेत्र के इतिहास में सबसे बड़े सुधार के तौर पर दर्जा होगा।

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TAGS: IMA, 24-hour withdrawal, non-essential services, passage of NMC bill, Lok Sabha
OUTLOOK 31 July, 2019
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