रामदेव पर देशद्रोह लगाने की मांग, IMA का पीएम मोदी को पत्र, कहा- बाबा ने वैक्सीन से 10,000 डॉक्टरों-लाखों लोगों के मौत का दावा किया
एलोपैथी और डॉक्टरों के खिलाफ विवादित बयान देने वाले योगगुरु बाबा रामदेव की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही है। पहले इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) उत्तराखंड ने बाबा रामदेव पर 1,000 करोड़ रुपए के मानहानि का मुकदमा किया और इस बाबत बाबा को नोटिस भेजा गया है। साथ ही नोटिस में रामदेव से अगले 15 दिन में लिखित माफी मांगने को कहा गया है।
वहीं, अब आईएमए ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बाबा द्वारा दिए गए बयानों के खिलाफ पत्र लिखा है। पत्र में आईएमए ने कहा है, "पतंजलि के मालिक रामदेव के टीकाकरण पर गलत सूचना के प्रचार को रोका जाना चाहिए। एक वीडियो में उन्होंने दावा किया कि वैक्सीन की दोनों खुराक लेने के बाद भी 10,000 डॉक्टर और लाखों लोग मारे गए हैं। उन पर देशद्रोह के आरोपों के तहत कार्रवाई की जानी चाहिए।"
बाबा रामदेव ने एक वीडियो में ये दावा किया था कि वैक्सीन की दोनों डोज लेने के बाद दस हजार से अधिक डॉक्टर और लाखों लोगों की मौत हो गई है। रामदेव के इसी बयान को लेकर आईएमए ने पीएम मोदी को पत्र लिखते हुए कहा है कि उन पर देशद्रोह के तहत कार्रवाई की जानी चाहिए।
बाबा रामदेव ने एलोपैथी दवाओं को लेकर दिया विवादास्पद बयान वापस ले लिया है। लेकिन, विवाद फिलहाल थमता नजर नहीं आ रहा है। इससे पहले केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने बाबा रामदेव के बयान को “बेहद दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए इसे वापस लेने के लिए कहा था।“
उत्तराखंड आईएमए ने बाबा रामदेव से मानहानि का नोटिस भेजते हुए कोरोनिल पर झूठा विज्ञापन का आरोप लगाते हुए इसे वापस लेने की मांग की है। नोटिस में आईएमए उत्तराखंड ने कहा है कि यदि बाबा रामदेव 15 दिनों के अंदर खंडन वीडियो और लिखित माफी नहीं मांगते हैं तो उनसे 1,000 करोड़ रुपये की मांग की जाएगी। इसके अलावा रामदेव से 76 घंटे के अंदर कोरोनिल किट के भ्रामक विज्ञापन को सभी प्लेटफॉर्म से हटाने को भी कहा है। कथित तौर पर यहां दावा किया जा रहा है कि पतंजलि द्वारा बनाए गए कोरोनिल कोविड वैक्सीन के बाद होने वाले साइड इफेक्ट पर प्रभावी है।