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15 July 2016

आइएसआइएस के प्रभाव को खत्म करने के लिए इमाम सोशल मीडिया का इस्तेमाल करेंगे

बंगाल के वरिष्ठ इमाम कारी फजलुर रहमान ने सोशल मीडिया संबंधी यह पहल शुरू करने का फैसला उन खबरों के बाद किया जिनमें बताया गया था कि आइएसआइएस युवाओं को कट्टरपंथी बनाने के लिए सोशल मीडिया का भरपूर इस्तेमाल कर रहा है। रहमान ने बताया, अभी तक कुछ भी तय नहीं हुआ है। इस मुद्दे पर मैं कई इमामों और इस्लामी विद्वानों से चर्चा कर रहा हूं। मुझे लगता है कि आइएसआइएस समेत कई अन्य समूह इस्लाम और कुरान की गलत व्याख्या करके युवाओं को भटका रहे हैं।

 

उन्होंने कहा, इसका विरोध होना चाहिए। इस्लाम खूनखराबा और हिंसा नहीं सिखाता। यह तो हमें शांति और भाईचारे की शिक्षा देता है। हमारा उद्देश्य इस्लाम की सही परिभाषा का सोशल मीडिया पर विभिन्न भाषाओं में प्रचार करना है ताकि इसका संदेश ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंच सके। इस बारे में अंतिम फैसला होने के बाद संयुक्त अभियान के तहत सोशल मीडिया पर संदेश का प्रचार अरबी, उर्दू, बंगाली, हिंदी और अंग्रेजी भाषाओं में किया जाएगा। रहमान का कहना है कि आतंकी समूह फेसबुक, वॉहट्सएप और यूट्यूब जैसी साइटों के जरिए दुनियाभर के युवाओं को आकर्षित कर रहे हैं। कुछ दिन पहले राज्य से एक युवा को आइएसआइएस और जमात-उल-मुजाहिदीन बांग्लादेश (जेएमबी) से संबंध रखने के संदेह में गिरफ्तार किया गया था। वह कश्मीर में आतंक का प्रशिक्षण लेने भी गया था।

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TAGS: आइएसआइएस, आतंकी संगठन, इमाम , सोशल मीडिया , फेसबुक, वॉहट्सएप, यूट्यूब , जमात-उल-मुजाहिदीन बांग्लादेश , कारी फजलुर रहमान
OUTLOOK 15 July, 2016
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