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10 February 2016

ऑटो एक्पो में प्रदूषण-कैंसर बढ़ाने वाली कारों का बोलबालाः सीएसई

गुगल

पर्यावरण और स्वास्थ्य पर मंडरा रहे खतरों के बारे में कार निर्माता कंपनियां जरा भी जागरूक नहीं हुई है-ये दावा किया है पर्यावरण के मुद्दे पर काम करने वाली संस्था सेंटर फॉर साइंस एंड इनवायरनमेंट (सीएसई) ने। उधर आज दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ऑटो एक्पो में प्रदर्शित की गई, बैटरी और इलेक्टिक गाड़ियों को मुआवना करना के लिए दिल्ली सचिवालय मंगाया था। इन कारों को पर्यावरण की दृष्टि से बेहतर बताया जाता है।

सीएसई ने कारों और ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री के बड़े शो-ऑटो एक्सपो पर अपना विश्लेषण पेश किया है कि अभी भी कार उद्योग प्रदूषण फैलाने वाले डीजल पर ही निर्भरता बनाए हुए है।

कार उद्योग की प्राथमिकता घातक प्रदूषण को फैलाने वाली और फैफड़ों के कैंसर को बढ़ाने वाली कारों को प्रमोट करना बताया है।

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आज सीएसई ने 15 बड़ी कार निर्माता कंपनियों द्वारा उतारे गए कार मॉडलों की समीक्षा को जारी करते हुए बताया कि ये कंपनियां साफ डीजल तकनीक को तवज्जो देने को तैयार नहीं है। इस एक्पो ने प्रर्दशनी के लिए लगाई गई 53 फीसदी कारों डीजल से चलने वाली थी। इस बारे में सीएसई के चंद्र भूषण ने बताया कि पहले यह ट्रेंड एसयूवी में था, अब छोटी और मध्य आकार वाली कारों को भी डीजल में उतारा जा रहा है। यानी प्रदूषण और पर्यावरण के खतरों के प्रति ये कंपनियां या उद्योग जरा भी सचेत नहीं है। यहां एक चीज और उल्लेखनीय है कि 27 फीसदी कारें 2000 सीसी डीजल इंजन की हैं, जो एनसीआर में प्रतिबंधित हैं।   

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TAGS: cse, auto expo, disel, pollution, ऑटो एक्पो, प्रदूषण, कैंसर
OUTLOOK 10 February, 2016
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