केंद्र का आरोप, पश्चिम बंगाल में लॉकडाउन में सख्ती नहीं, कम टेस्टिंग और ज्यादा मृत्यु दर चिन्ताजनक
केंद्र सरकार ने कहा है कि पश्चिम बंगाल में कोविड-19 की कम टेस्टिंग हो रही है और मृत्यु दर ज्यादा है। यह आंकड़ा राज्य में लगातार हो रहे लॉकडाउन के उल्लंघन की वजह से बढ़ रहा है। ये बातें पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव राजीव सिन्हा को लिखे अपने दो पेज के लेटर में केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने कही है। भल्ला ने कहा है कि लॉकडाउन को सख्ती से लागू करने की जरूरत थी लेकिन ऐसा नहीं हुआ। स्वास्थ्यकर्मियों की अस्थिरता और क्वारेंटाइन सेंटरों की कमी के कारण समस्या उत्पन्न हुई है। यह पत्र अजय भल्ला ने दो इंटर-मिनिस्ट्रियल सेंट्रल टीम (आईएमसीटी) द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट के बाद लिखा है।
ज्यादा आबादी वाले इलाकों में रेंडम टेस्टिंग की जरूरत
आगे अजय भल्ला ने अपने पत्र में लिखा, "राज्य में कोरोना की जांच दर जनसंख्या के अनुपात में बहुत कम दर है। जबकि मृत्यु दर 13.2 प्रतिशत है जो बहुत अधिक है और किसी भी राज्य के लिए यह सबसे अधिक है।" उन्होंने आगे कहा है कि यह राज्य की स्थिति की ठीक से निगरानी न होना, लोगों की पहचान और परीक्षण न करने का परिणाम है। इसलिए ज्यादा आबादी वाले इलाकों में रेंडम टेस्टिंग करने की जरूरत हैं।
भीड़भाड़ वाले इलाकों पर लॉकडाउन का हो रहा उल्लंघन: एमएचए
खास तौर पर भल्ला ने कोलकाता और हावड़ा शहरों के विशिष्ट क्षेत्रों को इंगित करते हुए कहा कि इन जगहों पर लॉकडाउन का उल्लंघन किया गया है। मीडिया रिपोर्ट्स उपलब्ध हैं जिसके मुताबिक कोरोना योद्धाओं और इलाकों में पुलिस पर हमला किया जा रहा है।
लोगों का स्नान करना, क्रिकेट और फुटबॉल खेलना चिंताजनक: एमएचए
गृह सचिव ने कहा कि ज्यादा भीड़भाड़ वाले बाजार में सफाई व्यवस्था काफी लचर स्थिति में है। इन जगहों पर बड़ी संख्या में लोगों की बिना मास्क और रोक-टोक के आवाजाही हो रही है। कन्टेंमेंट जोन में प्रतिबंध के बावजूद नदियों में लोगों का स्नान करना, क्रिकेट और फुटबॉल खेलना गंभीर रूप से लापरवाही है। इन इलाकों में बिना किसी प्रतिबंध के रिक्शा का चलना सोशल डिस्टेंसिंग के मानदंडों का गंभीर उल्लंघन है। उन्होंने कहा कि जिला अधिकारियों द्वारा भीड़-नियंत्रण उपायों को ठीक से लागू न किए जाने और कार्यान्वयन के सभी उदाहरण हैं।
दौरे पर गई टीमों की रिपोर्ट के बाद केंद्र ने पत्र लिखा
यह पत्र अजय भल्ला ने दो इंटर-मिनिस्ट्रियल सेंट्रल टीम (आईएमसीटी) द्वारा प्रस्तुत रिपोर्टों के बाद लिखा है। टीमों की नियुक्ती पिछले महीने 20 अप्रैल से कोलकाता और जलपाईगुड़ी जिलों में किया गया था जो सोमवार को वापस आ चुकी है। भल्ला ने कहा कि टीम ने राज्य में कुल सात जिलों का दौरा किया है और राज्य सरकार को समय-समय पर स्थिति से अवगत कराया है।