5 सितंबर तक सीबीआई रिमांड में रहेंगे चिदंबरम
सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को कहा कि पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम की सीबीआई हिरासत आईएनएक्स मीडिया भ्रष्टाचार मामले में 5 सितंबर तक जारी रहेगी। शीर्ष अदालत ने चिदंबरम के वकील से कहा कि वह अंतरिम जमानत याचिका के लिए दबाव न डालें, सोमवार को ट्रायल कोर्ट के समक्ष दायर किया गया और आज 5 सितंबर तक सुनवाई होने वाली है।
न्यायमूर्ति आर भानुमति और ए एस बोपन्ना की पीठ ने कहा कि वह गुरुवार को चिदंबरम की याचिका पर सुनवाई करेगी जिसमें उसने उसके खिलाफ जारी गैर-वांछनीय वारंट (एनबीडब्ल्यू) को चुनौती दी है और साथ ही बाद में ट्रायल कोर्ट के आदेशों पर उसे सीबीआई की हिरासत में भेज दिया है। पीठ ने कहा, "हम सचेत हैं कि हमें संबंधित ट्रायल कोर्ट के अधिकार क्षेत्र में प्रवेश नहीं करना चाहिए।"
अदालत में सीबीआई ने कहा है कि अब उन्हें पी. चिदंबरम की हिरासत नहीं चाहिए, ऐसे में पी. चिदंबरम को न्यायिक हिरासत में भेज दिया जाए। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने इस तर्क को तुरंत सुनने से इनकार कर दिया और पांच सितंबर तक के लिए इस मामले को टाल दिया।
इससे पहले सोमवार को मेहता के कथन का संज्ञान लेते हुये पीठ ने कहा कि सीबीआई निचली अदालत से चिदंबरम को मंगलवार तक पुलिस हिरासत में देने का अनुरोध करने के लिये स्वतंत्र है। पीठ ने कहा कि वह चिदंबरम के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी करने और बाद में उन्हें हिरासत में देने के निचली अदालत के आदेश को चुनौती देने वाली उनकी याचिका पर पांच सितंबर की जगह तीन सितंबर को सुनवाई करेगी।
सोमवार को सीबीआई हिरासत की अवधि समाप्त होने पर उन्हें कोर्ट में पेश किया गया था। सीबीआई ने मामले में चिदंबरम को किसी भी प्रकार की राहत दिये जाने का विरोध किया था और उनकी हिरासत अवधि एक दिन के लिये बढ़ाए जाने की मांग की थी। पी चिदंबरम को 21 अगस्त की रात को गिरफ्तार किया गया था।
कल अदालत में क्या हुआ था?
पूर्व केन्द्रीय मंत्री की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश को लेकर दिल्ली की एक अदालत में सीबीआई और बचाव पक्ष के वकीलों ने अपने-अपने पक्ष में आदेश पाने के लिये कोर्ट के निर्देश का उल्लेख किया। सुनवाई शुरू हुई, तो सीबीआई की ओर से सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने न्यायाधीश अजय कुमार कुहाड़ से कहा कि दिन में सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिये गए निर्देश के संबंध में कुछ घटनाक्रम हुए हैं। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में जब सुबह सुनवाई हुई तो वह न्यायालय में मौजूद नहीं थे क्योंकि वो दिवंगत पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली की याद में आयोजित प्रार्थना सभा में हिस्सा ले रहे थे।
सुप्रीम कोर्ट ने निचली अदालत से कहा था कि अंतरिम जमानत देने के आग्रह पर आज ही विचार करे। शीर्ष अदालत ने कहा था कि यदि निचली अदालत सोमवार को ही चिदंबरम के अंतरिम जमानत के अनुरोध पर विचार नहीं करती है तो उनकी सीबीआई हिरासत की अवधि और तीन दिन के लिये बढ़ा दी जायेगी। निचली अदालत में चिदंबरम की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कहा कि वह सुप्रीम कोर्ट के पूर्व के आदेश के मद्देनजर अंतरिम जमानत याचिका दायर कर रहे हैं।
मेहता ने इसका विरोध करते हुए कहा कि जांच एजेंसी को पहले नोटिस जारी किया जाना चाहिये और जवाब देने के लिये समय दिया जाना चाहिए। मेहता ने कहा कि उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में मामले का उल्लेख किया,जिसने मामले की सुनवाई मंगलवार को निर्धारित कर दी।
क्या है केस?
साल 2007 में इंद्राणी मुखर्जी और पीटर मुखर्जी ने आईएनएक्स मीडिया नाम से कंपनी बनाई। फॉरेन इन्वेस्टमेंट प्रमोशन बोर्ड (एफआईपीबी) ने आईएनएक्स मीडिया को 4.62 करोड़ रुपये के विदेशी निवेश की अनुमति दी थी, लेकिन आईएनएक्स मीडिया ने 305.36 करोड़ रुपये के विदेशी निवेश हासिल किए। इस रकम में से आईएनएक्स मीडिया ने गलत तरीके से 26 फीसदी हिस्सा आईएनएक्स न्यूज में लगा दिया। इसके लिए एफआईपीबी की इजाजत नहीं ली गई।