बस आठ मिनट में बदल गई शशिकला की किस्मत
दोनों न्यायाधीश, न्यायमूर्ति पी.सी. घोष और न्यायमूर्ति अमिताव राय अदालत संख्या छह में सुबह दस बजकर 32 मिनट पर आसन पर पहुंच गए। तब तक अदालत कक्ष बड़ी संख्या में अधिवक्ताओं और मीडियाकर्मियों से ठसाठस भर गया था।
अदालत के कर्मियों द्वारा इस भारी-भरकम फैसले की सील खोले जाने के बाद दोनों न्यायाधीशों ने कुछ पलों के लिए चर्चा की। इतनी भीड़ के बावजूद छाए सन्नाटे के बीच, न्यायमूर्ति घोष ने फैसला सुनाने से पहले कहा, आप समझ सकते हैं कि यह बहुत लंबा फैसला है। इसका भार हमने खुद पर लिया है। इसके तुरंत बाद, न्यायमूर्ति घोष ने फैसले का अहम हिस्सा सुनाना शुरू किया। तब तक दस बजकर 40 मिनट हो चुके थे।
जैसे ही न्यायमूर्ति घोष ने पूरा फैसला सुनाया, अदालत में पसरा सन्नाटा कोलाहल में बदल गया और मीडियाकर्मी तथा कुछ अधिवक्ता अदालत में हुए घटनाक्रम की जानकारी देने बाहर की ओर निकले।
इसके बीच, न्यायमूर्ति राय ने कहा कि वह न्यायमूर्ति घोष के साथ मिलकर एक पूरक फैसला दे रहे हैं। उन्होंने कहा, हमने समाज में बढ़ते भ्रष्टाचार को लेकर गहरी चिंता जताई है।