देश के इन प्रमुख शहरों में कोरोना के मामले बढ़ने के बदले घट रहे हैं, क्या राहत के हैं ये संकेत
देश में बीते 24 घंटे में कोरोना के साढे तीन लाख नए मामले दर्ज किए गए हैं। लगातार स्वास्थ्य व्यवस्था की हालत चरमराती जा रही है। लोगों को बेड से लेकर ऑक्सीजन और वेंटीलेटर से लेकर दवाएं नहीं मिल रही है। हालत चिंताजनक है। सबसे अधिक महाराष्ट्र में मामले दर्ज किए जा रहे हैं। हर रोज 65 से 70 हजार नए मामले आ रहे हैं।
इस बीच आज यानी रविवार को मुंबई में कोरोना के मामले कम दर्ज किए गए हैं। एक दिन में 5,867 नए मामले दर्ज किए गए हैं। जबकि 71 लोगों की मौत हुई है। अन्य दिनों से तुलना करें तो 23 अप्रैल को महानगर में 7,199 नए मामले दर्ज किए गए थे जबकि 22 अप्रैल को 7,367 मामले सामने आए थे। हालांकि, इस दौरान एक चीज पर गौर करने वाली बात है कि टेस्टिंग भी कम-ज्यादा हो रहे हैं। किसी दिन 2.8 लाख टेस्टिंग की गई है तो किसी दिन 2.3 लाख। ऐसे में टेस्टिंग की वजह से भी मामलों में कमी दर्ज हो सकते हैं।
उत्तर प्रदेश में कोरोना के मामलों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। स्थिति बेकाबू होते जा रहे हैं। राजधानी लखनऊ के हालात भयावह हैं। लोगों को ऑक्सीजन से लेकर बेड्स तक नहीं मिल रहे हैं। लेकिन, प्रयागराज में अब मामलों में कमी देखने को मिल रहे हैं। बीते 24 घंटे में कोरोना के 1,470 मामले सामने आए हैं जबकि 23 अप्रैल को 1,956 नए मामले दर्ज किए गए थे।
छत्तीसगढ़ के रायपुर में भी मामलों में कमी देखने को मिला है। बीते 24 घंटे में कोरोना के यहां 2,138 नए मामले दर्ज किए गए हैं जबकि 23 अप्रैल को 3,215 नए मामले दर्ज किए गए थे। 23 अप्रैल को पूरे राज्य में 17,397 नए मामले दर्ज किए गए थे जबकि बीते 24 घंटे में कुल 16,731 नए मामलों की पुष्टि हुई है। दुर्ग में भी मामले कम देखने को मिले हैं। बीते 24 घंटे यहां 1,786 मामले सामने आए हैं जबकि बीते 23 अप्रैल को 1,857 केस दर्ज हुए थे।
विशेषज्ञों का मानना है कि मई के मध्य में कोरोना का मामला पीक पर पहुंचेगा और हर रोज पांच हजार से अधिक लोगों की मौत होगी। वहीं, ऐसा अनुमान है कि महाराष्ट्र में कोरोना का मामला पीक पर पहुंच चुका है।