आजादी महात्मा गांधी के कारण नहीं मिलीः इंद्रेश कुमार
बोस के नेतृत्व में हुई क्रांति ने ही अंग्रेजों के सामने देश छोड़कर जाने के अलावा और कोई विकल्प नहीं छोड़ा। नागपुर में इंद्रेश कुमार ने अखंड भारत का राग भी अलापा और देश के युवाओं से भारत से अलग हुए हिस्से को फिर से एक करने का संकल्प लेने और अखंड भारत के सपने को हकीकत बनाने को कहा।
आरएसएस की राष्ट्रीय कार्यकारिणी (अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा) के सदस्य कुमार ने नागपुर में उपस्थित युवाओं को संबोधित करते हुए कहा, भारत से अब कोई भी भूभाग अलग नहीं रहेगा। लोगों को राष्ट्र की प्रत्येक इंच जमीन का सम्मान करना चाहिए इसी से समाज में प्यार, शांति, सौहार्द होगा और लोग अलग हुए भूभाग को एक करने के लिए काम करेंगे। कुमार ने अखंड भारत को हकीकत बनाने के लिए युवाओं से संकल्प लेने को कहा।
कुमार ने आरोप लगाया कि अंग्रेजों ने अपनी सरकार और ताकत को मजबूत करने के लिए भारत के टुकड़े किए। जब अंग्रेजों का शासन शुरू हुआ, उस समय देश का कुल भौगोलिक भूभाग 83 लाख वर्ग किलोमीटर से ज्यादा क्षेत्र में फैला था, लेकिन 1947 में जब वह भारत से गए तो क्षेत्रफल सिकुड़कर महज 33 लाख वर्ग किलोमीटर रह गया। उन्होंने कहा कि आजादी के बाद भारत के 1.74 लाख वर्ग किलोमीटर क्षेत्र पर चीन, पाकिस्तान, बांग्लादेश और म्यांमार का अनधिकृत कब्जा है। कुमार ने कहा कि इतिहास में वापस जाएं तो महाभारत का युद्ध 5154 साल पहले हुआ था। युद्ध के बाद युद्धिष्ठिर इस महान राष्ट्र के शासक बने जो कि हिंद महासागर के अंतिम छोर से हिमालय तक फैला हुआ था। उन्होंने कहा कि इसका मतलब है कि इराक, ईरान, नेपाल, अफगानिस्तान, ब्रह्मदेश (म्यांमार), श्रीलंका, भूटान और इंडोनेशिया समेत अन्य इलाके भारत का हिस्सा थे। इस महान देश पर हूणों, कुशानों, मुगलों और ब्रिटिशों की ओर से लगातार हमले हुए। उन्होंने कहा कि इन बीती शताब्दियों में भारत की सीमाएं भले ही सिकुड़ गईं लेकिन देश ने अपनी पहचान और सांस्कृतिक मूल्यों को बनाए रखा है। (एजेंसी)