सुलझ सकता है लद्दाख विवाद, सैनिकों की वापसी पर भारत-चीन में तीन स्टेप प्लान पर बनी बात
एलएसी पर कई महीनों से जारी तनाव समाप्त करने के लिए भारत और चीन के बीच सहमति बन गई है। दोनों पक्ष पूर्वी लद्दाख के पैगॉन्ग लेक एरिया से सेना पीछे हटाने पर राजी हो गए हैं। सूत्रों के अनुसार भारत और चीन 3 दिन तक रोज 30% सैनिक वापस बुलाएंगे। सैनिकों की वापसी तीन चरणों में होगी। समझौते के तहत दोनों देशों के सैनिक इस साल अप्रैल-मई में तैनाती वाली पोजिशन पर लौट जाएंगे।
सेना ने आधिकारिक तौर पर इसकी पुष्टि नही की है मगर सूत्रों का कहना है कि इस पर सहमति बन गई है, हालांकि दस्तखत नहीं हुए हैं। मामला संवेदनशील है इसलिए जब तक जमीन पर पूरी तरह से अमल नही हो जाता तब तक वो कुछ कहने से बच रही है। इस योजना पर जल्द फिर से कोर कमांडर स्तर पर बैठक हो सकती है।
वहीं थलसेना प्रमुख जनरल एम एम नरवणे ने मंगलवार को कहा कि वह आशा करते हैं कि भारतीय सेना और चीनी सेना पूर्वी लद्दाख में विवाद वाले क्षेत्रों से सैनिकों को वापस बुलाने और तनाव कम करने के लिए किसी समझौते पर पहुंचने में कामयाब होंगी। और इस साल के शुरू में अप्रैल मई में जो स्थिति थी वह बहाल होगी। दोनों देशों के बीच छह नवंबर को हुई आठवीं कोर कमांडर लेवल की बैठक में इसपर विचार हुआ है।
एक सेमिनार में नरवणे ने कहा कि भारत और चीन के वरिष्ठ कमांडर पूर्वी लद्दाख में तनाव कम करने के तौर-तरीकों पर बातचीत कर रहे हैं।
उन्होंने आगे कहा, ‘हम किसी ऐसे समझौते पर पहुंचने को लेकर आशावान हैं जो पारस्परिक रूप से स्वीकार्य हो और वास्तविक रूप से फायदेमंद हो।’
समाचार एजेंसी एएनआई ने सूत्रों के हवाले से कहा है कि डिसएंगजमेंट प्लान के तहत एलएसी पर दोनों ओर से पेंगोंग झील क्षेत्र में एक हफ्ते में तीन चरणों में हुई बातचीत के मुताबिक टैंकों और बख्तरबंद कर्मियों के वाहक सहित बख्तरबंद वाहनों को अपनी सीमा पर तैनाती से एक महत्वपूर्ण दूरी से वापस ले जाना था।