लद्दाख के एक स्थान पर चीन पीछे हटा, लेकिन दूसरे पर गतिरोध, वार्ताओं का दौर जारी
चीन ने लद्दाख क्षेत्र की गलवान घाटी में पीछे हटने के संकेत देकर अपने रुख में नरमी के संकेत दिए हैं। इस स्थान पर दोनों देशों के बीच टकराव की स्थिति बनी हुई है। सूत्रों के अनुसार टकराव से बचने के लिए चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) दो किलोमीटर पीछे हट गई है। भारतीय सेना भी वहां से एक किलोमीटर पीछे आ गई है।
गलवान पर समाधान, पेगोंग में गतिरोध
चीन गलवान घाटी से तो पीछे हट गया है लेकिन पेगोंग त्सो (लेक) में दोनों ओर की सेनाएं आमने-सामने डटी हुई हैं। आगामी छह जून को भारत-चीन के शीर्ष सैन्य अधिकारियों के बीच होने वाली वार्ता में इस पर मुख्य फोकस होगा। भारत की ओर से लेह स्थित 14 कोर के लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह हिस्सा लेने वाले हैं।
सूत्रों ने बताया कि चीन के सैनिक फिंगर-4 पर स्थायी रूप से कैंपिंग कर रहे हैं जो भारत के नियंत्रण में है। भारतीय सेना के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा कि इस पर समाधान जल्द से जल्द निकालने की जरूरत है। उत्तरी कमान के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल वाई. के. जोशी हालात की मौके पर समीक्षा करने के लिए लद्दाख पहुंच गए हैं। वह यहां गुरुवार तक रुकेंगे।
डिवीजन कमांडरों की बैठक बेनतीजा
मंगलवार को भारत और चीन के सैन्य प्रतिनिधियों ने पूर्वी लद्दाख में टकराव की स्थिति टालने के लिए बातचीत की। डिवीजन कमांडर स्तर के अधिकारियों की बैठक में दोनों ओर से मेजर जनरल रैंक के अधिकारियों ने हिस्सा लिया। लेकिन मंगलवार की दोपहर को हुई इस बैठक का कोई निष्कर्ष नहीं निकल पाया।