Advertisement
19 August 2021

तालिबान से रिश्ते को लेकर नटवर सिंह ने दी मोदी सरकार को नसीहत, जानें क्या बोले पूर्व विदेश मंत्री

अफगानिस्तान के मौजूदा हालात को लेकर पूर्व विदेश मंत्री कुंवर नटवर सिंह ने बुधवार को कहा कि भारत सरकार को तालिबान के कब्जा करने से पहले ही उसके साथ खुले तौर पर संपर्क स्थापित करना चाहिए था। उन्होंने समाचार एजेंसी ‘पीटीआई’ को दिए साक्षात्कार में यह भी कहा कि अगर तालिबान अफगानिस्तान में एक जिम्मेदार सरकार की तरह काम करता है तो फिर भारत को उसके साथ राजनयिक संबंध स्थापित करना चाहिए।

संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन की पहली सरकार में विदेश मंत्री और अतीत में पाकिस्तान में भारत के उच्चायुक्त रहे 92 वर्षीय सिंह का कहना है कि फिलहाल भारत को ‘प्रतीक्षा करने और नजर रखने’ की रणनीति पर अमल करना चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि पिछले दिनों अफगानिस्तान पर कब्जा करने वाला तालिबान 20 साल पहले के तालिबान के मुकाबले बेहतर दिखाई देता है।

उनके मुताबिक, अफगानिस्तान से ‘भाग चुके’ राष्ट्रपति अशरफ गनी के साथ भारत के नजदीकी रिश्ते थे, लेकिन हालात अब बहुत ज्यादा बदल चुके हैं। सिंह ने कहा कि हालात ‘‘विपरीत नहीं’’ हैं, यहां तक कि सांकेतिक मित्रता भी नहीं है, यही वजह है कि भारत सरकार बहुत सावधान है। उनका कहना है कि अमेरिका को बहुत सारी जिम्मेदारी लेनी होगी क्योंकि राष्ट्रपति जो बाइडन ने अपने सैनिकों को हटाकर तालिबान के लिए वहां आना आसान कर दिया।

Advertisement

नटवर सिंह ने ये टिप्पणियां उस वक्त की हैं, जब अफगानिस्तान में अमेरिका समर्थित सरकार के गिर जाने और देश के राष्ट्रपति अशरफ गनी के देश छोड़ देने के बाद रविवार को तालिबान ने काबुल पर कब्जा कर लिया। तालिबान ने 11 सितंबर के हमलों के बाद अमेरिका नीत सेना के अफगानिस्तान में आने के 20 साल बाद फिर से देश पर कब्जा कर लिया है।

यह पूछे जाने पर कि क्या भारत को तालिबान के साथ पहले ही संपर्क करना चाहिए था तो सिंह ने इसका जवाब हां में दिया और तालिबान के साथ अमेरिका के बातचीत करने का हवाला दिया। मई 2004 से दिसंबर 2005 तक विदेश मंत्री रहे नटवर सिंह ने कहा कि अगर मैं विदेश मंत्री होता, तो मेरा उनसे संपर्क होता। मैं अपने रास्ते से हट जाता और अपनी खुफिया एजेंसी को चुपचाप संपर्क करने के लिए कहता। बता दें कि विदेश मंत्री की जिम्मेदारी संभालने के बाद नटवर सिंह ने कुछ साल बाद कांग्रेस को छोड़ दी। 

पूर्व विदेश मंत्र ने गुआंतानामे में क्यूबा के साथ अमेरिका के संपर्क किये जाने का उदाहरण देते हुए कहा कि भारत को तालिबान के साथ संपर्क करना चाहिए था क्योंकि ‘हम पाकिस्तान और चीन के लिए खुला मैदान नहीं छोड़ सकते।’’ इस सवाल पर कि क्या भारत को भी चीन की तरह तालिबान के साथ सार्वजनिक रूप से संपर्क करना चाहिए था तो सिंह ने कहा कि कम से कम विदेश सचिव के स्तर पर भारत को तालिबान के साथ खुले तौर पर संपर्क रखना चाहिए था।

उनके मुताबिक, मौजूद तालिबान पहले के तालिबान से बेहतर नजर आता है क्योंकि वो लोग खुलेआम ‘हिंदू विरोधी’ थे। उन्होंने कहा कि वे अभी भी पाकिस्तान के काफी करीब हैं, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि इस्लामाबाद उनके लिए शर्तें तय कर सकता है। पाकिस्तान ने उन्हें वित्तपोषित किया, फिर अमेरिकियों ने उन्हें सशस्त्र किया। यह बहुत जटिल स्थिति है लेकिन इस समय हम खिलाड़ी नहीं हैं। सिंह ने कहा कि भारत ने पिछले 10-12 वर्षों में अफगानिस्तान पर सड़कों, अस्पतालों, स्कूलों और उनके पास जो भी छोटे उद्योग हैं, उनके निर्माण पर 3 अरब डॉलर खर्च किए हैं।

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोरसे
TAGS: Afghanistan crisis, Taliban, Kabul, Ashraf Ghani, Former External Affairs Minister Natwar Singh
OUTLOOK 19 August, 2021
Advertisement