भारत अपने विकल्प का चुनाव करने की स्वतंत्रता हमेशा कायम रखेगा: यूएनजीए में बोले एस जयशंकर
भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा कि भारत अपने विकल्प का चुनाव करने की स्वतंत्रता हमेशा कायम रखेगा और यह समकालीन विश्व में तीन प्रमुख सिद्धांत 'आत्मनिर्भरता', 'आत्मरक्षा' और 'आत्मविश्वास पर आगे बढ़ रहा है।
जयशंकर ने संयुक्त राष्ट्र महासभा के 80वें उच्चस्तरीय सत्र को संबोधित करते हुए कहा, 'भारत के लोगों की ओर से नमस्कार।' वैश्विक नेताओं को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि भारत समकालीन विश्व में तीन प्रमुख सिद्धांत 'आत्मनिर्भरता', 'आत्मरक्षा' और 'आत्मविश्वास- के सिद्धांत पर आगे बढ़ रहा है। विदेश मंत्री ने कहा कि 'आत्मनिर्भरता' का अर्थ है, 'अपनी क्षमताएं बढ़ाना, अपनी ताकत बढ़ाना और अपनी प्रतिभा को आगे बढ़ने देना।' उन्होंने कहा, 'चाहे विनिर्माण क्षेत्र में हो, अंतरिक्ष कार्यक्रमों में हो, दवाइयों के उत्पादन में हो या डिजिटल अनुप्रयोगों में हो, हम इसके परिणाम देख ही रहे हैं। भारत में निर्माण और नवाचार से विश्व को भी लाभ होता है।'
जयशंकर ने 'आत्मरक्षा' पर विस्तार से बात करते हुए कहा कि भारत अपने लोगों की रक्षा और देश एवं विदेश में उनके हितों को सुरक्षित रखने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा, 'इसका मतलब आतंकवाद को कतई बर्दाश्त नहीं करना, हमारी सीमाओं की मजबूत सुरक्षा, विभिन्न देशों के साथ साझेदारी कायम करना और विदेश में अपने समुदाय की सहायता करना है।'
उन्होंने कहा कि 'आत्मविश्वास' का तात्पर्य है कि सबसे अधिक आबादी वाले देश, और तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था के रूप में, 'हमें पता हो कि फिलहाल हम कहां है और भविष्य में हमें कहां होना है। भारत अपने विकल्प का चुनाव करने की स्वतंत्रता हमेशा कायम रखेगा और हमेशा ग्लोबल साउथ की आवाज बना रहेगा।'