Advertisement
07 October 2018

अवैध रूप से भारत में रह रहे रोहिंग्या शरणार्थियों की नये सिरे से होगी पहचान

म्यामां सरकार के अनुरोध पर भारत सरकार ने अवैध रूप से रह रहे रोहिंग्या शरणार्थियों की पहचान की पुष्टि के लिये अब सभी राज्य सरकारों से, शरणार्थियों की मूल भाषा के आधार पर नये सिरे से आंकड़े जुटाने को कहा है। इससे पहले, अक्टूबर 2017 के सिर्फ अंग्रेजी भाषा वाले प्रारूप के आधार पर अवैध शरणार्थियों की पहचान की गयी थी।

समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, इसके लिये भारत में म्यामां दूतावास ने, अवैध शरणार्थियों की स्थानीय भाषा की जानकारी के आधार पर पहचान सुनिश्चित करने के लिये, दो भाषाओं वाले फार्म का प्रारूप केन्द्र सरकार को मुहैया कराया है।

अवैध रोहिंग्या शरणार्थियों की मौजूदगी वाले राज्यों को गृह मंत्रालय ने गत 20 सितंबर को भेजे द्विभाषी फॉर्म के आधार पर इन शरणार्थियों की पहचान संबंधी सभी आंकड़े (बायोग्राफिक डाटा) जुटाने को कहा है।

Advertisement

इससे जुड़े प्रपत्र में मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि इन शरणार्थियों की म्यामां वापसी सुनिश्चित करने के लिये राज्य सरकारों द्वारा जुटाये गये पहचान संबंधी आंकड़े केन्द्रीय एजेंसियों की ओर से दिए गए आंकड़ों से मेल नहीं खा रहे हैं।

इसके मद्देनजर म्यामां सरकार ने भी इन आंकड़ों के आधार पर वापसी के लिये चिन्हित किये गये शरणार्थियों की पहचान की पुष्टि नहीं होने के कारण उनकी स्थानीय भाषा के आधार पर बायोग्राफिक डाटा जुटाने का अनुरोध किया है जिससे इनकी पहचान सुनिश्चित की जा सके।

चार पृष्ठ वाले नये फार्म में शरणार्थियों के मौजूदा निवास स्थान की पूरी जानकारी के अलावा संबद्ध इलाके के प्रभावशाली व्यक्ति का भी उल्लेख करने को कहा गया है। इसके अनुसार, शरणार्थी यदि ग्रामीण क्षेत्र में रह रहा है तो गांव के सरपंच, मुखिया या फिर किसी प्रभावशाली व्यक्ति का नाम भी फार्म में देना होगा। जबकि शहरी क्षेत्र में रह रहे शरणार्थी के फार्म में वार्ड कमिश्नर अथवा पार्षद का नाम देना जरुरी कर दिया गया है। साथ ही अवैध रूप से रह रहे शरणार्थी के पास उपलब्ध सभी सरकारी दस्तावेजों की जानकारी भी देनी होगी।

फार्म में शरणार्थी के पास मौजूद म्यामां सरकार के दस्तावेज़ों के अलावा, म्यामां में उसकी जाति, भारत में यदि उनके कोई संबंधी हैं तो उसकी जानकारी और शारीरिक बनावट के अलावा उस एजेंट का भी जिक्र करना होगा जिसके माध्यम से वह भारत पहुंचा था।

सरकार, अवैध रोहिंग्या शरणार्थियों के बारे में राज्यों से जुटाये गये बायोग्राफिक आंकड़ों को म्यामां सरकार के साथ साझा करेगी। इसके आधार पर इनकी नागरिकता की पुष्टि की जा सकेगी। एक अनुमान के मुताबिक, भारत में दिल्ली सहित विभिन्न राज्यों में लगभग 40 हजार रोहिंग्या शरणार्थी अवैध रूप से रह रहे हैं। इन्हें वापस म्यांमा भेजने के उद्देश्य से इनकी पहचान सुनिश्चित करने के लिये यह कवायद पिछले साल शुरु की गयी थी।

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोरसे
TAGS: iNdia, identify, rohingya refugees, Myanmar government, request
OUTLOOK 07 October, 2018
Advertisement