भारत कोहिनूर वापस लाने के तमाम प्रयास करेगा
ब्रिटिश बलों द्वारा 1849 में पंजाब को अपने अधीन करने और सिख साम्राज्य की संपत्तियों को जब्त करने के बाद करीब 20 करोड़ डॉलर की कीमत वाले इस कोहिनूर हीरे को भी लाहौर में ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के खजाने को हस्तांतरित कर दिया गया था। एक वरिष्ठ सरकारी सूत्र ने बताया, सरकार इस हीरे को वापस लाने के लिए कूटनीतिक और कानूनी दोनों तरीके से विचार कर रही है। अगर भारत कूटनीतिक प्रयासों के जरिये हीरा वापस लाने में सक्षम रहता है तो उसे कानूनी तरीका आजमाने की जरूरत नहीं होगी। लेकिन, अगर यह फलदायी साबित नहीं होता तो सरकार कानूनी विकल्प पर भी गौर करेगी।
भारत की यह प्रतिक्रिया पिछले सप्ताह यहां दौरे पर आए ब्रिटेन के एशिया एवं प्रशांत मामलों के मंत्री आलोक शर्मा के उस बयान की पृष्ठभूमि में आई है, जिसमें उन्होंने यह संकेत दिया था कि कोहिनूर शायद कभी भी भारत का नहीं हो सकता। उन्होंने कहा था, जहां तक इस मुद्दे का संदर्भ है तो इसे वापस लौटाने का कोई कानूनी आधार नहीं बनता। इसी की पृष्ठभूमि में भारत का यह कदम सामने आया है।