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03 April 2020

कोविड-19 से लड़ाई में आगे आए IIT, कहीं सस्ता वेंटिलेटर और फेस शील्ड बना तो कहीं थर्मल स्क्रीनिंग करने वाला ड्रोन

File Photo

देश में बढ़ रहे कोरोना के आंकड़े और खतरे को मात देने के लिए स्वास्थ्य प्रणाली को तंदुरुस्त किया जा रहा है। कई कंपनियों को वेंटिलेटर और स्वास्थ्य उपकरण बनाने का जिम्मा सौंपा गया है। कई आईआईटी संस्थान भी उपकरण को लेकर नए शोध में जुटे हुए हैं। इसी कड़ी में आईआईटी रुड़की के शोधकर्ताओं ने कम कीमत वाली पोर्टेबल वेंटिलेटर का इजाद किया है। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ऋषिकेश के सहयोग से ‘प्राण-वायु’ नाम के इस वेंटिलेटर को बनाया गया है। इसके अलावा आईआईटी गुवाहाटी के तीन पूर्व छात्रों ने इंफ्रारेड कैमरे से लैस एक ड्रोन विकसित किया है जो किसी व्यक्ति को छुए बिना समूहों की थर्मल स्क्रीनिंग में मदद कर सकता है। 

सिर्फ 25 हजार रुपए में बनाया वेंटिलेटर

यह वेंटिलेटर मरीज को आवश्यक मात्रा में हवा पहुंचाने के लिए प्राइम मूवर के नियंत्रित प्रक्रिया पर आधारित है। आईआईटी रुड़की के मुताबिक प्रति वेंटिलेटर की लागत 25 हजार रुपए होने का अनुमान है। वहीं, वेंटिलेटर की कुछ विशेषताओं को स्वास्थ्य अधिकारी द्वारा मॉनिटर किया जा रहा है। 

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कोविड-19 को लेकर बनाया गया स्पेशल वेंटिलेटर

आईआईटी रुड़की के लैब अधिकारी अक्षय द्विवेदी के मुताबिक ‘प्राण-वायु’ के नाम से बनाए गए इस वेंटिलेटर को विशेष तौर से कोविड-19 महामारी के लिए डिजाइन किया गया है। यह कम लागत वाली, सुरक्षित, विश्वसनीय है और जल्दी से निर्मित हो सकता है। इसके परीक्षण को सफलतापूर्वक पूरा कर लिया गया है। इसका उपयोग शिशु और अधिक वजन वाले वयस्क, दोनों के लिए किया जा सकता है।

कम कीमत में 3डी फेस-कवच 

 स्वास्थ्य कर्मचारियों के लिए  संस्थान ने कम कीमत वाले चेहरे को ढंकने वाला कवच तैयार किया है। इस कवच को 3डी मॉडल में बनाया गया है। जिससे स्वास्थ्य कर्मी कोविड-19 से संक्रमित मरीज के इलाज के दौरान खुद को सुरक्षित रख सकते हैं। इसको बनाने में अधिकतम 45 रूपए खर्च होने का अनुमान है। वहीं, संस्थान के मुताबिक यदि इसे अधिक संख्या में बनाया जाता है तो 25 रूपए तक खर्च आएगा।

बिना छुए ड्रोन से होगी स्क्रीनिंग

वहीं, आईआईटी गुवाहाटी के तीन पूर्व छात्रों ने इंफ्रारेड कैमरे से लैस एक ड्रोन विकसित किया है जो किसी व्यक्ति को छुए बिना समूहों की थर्मल स्क्रीनिंग में मदद कर सकता है। यह ड्रोन स्क्रीनिंग लॉकडाउन हटने के बाद शुरुआत में संदिग्ध कोविड-19 मामलों की पहचान कर सकता है। इस ड्रोन में एक लाउडस्पीकर भी लगाया गया है जिसका उपयोग स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा विशेष रूप से प्रसार के साथ-साथ उन जगहों की निगरानी करने और उचित निर्देश देने के लिए किया जा सकता है। इन तीन छात्रों की ‘मारुत ड्रोनटेक’ नाम की स्टार्ट कंपनी ने यह बनाया है जो पहले से ही तेलंगाना और आंध्र प्रदेश की राज्य सरकारों के साथ ट्रायल चला रही है।

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TAGS: Indian Institute of Technology-Roorkee, develops low cost, portable ventilator, covid-19 patients
OUTLOOK 03 April, 2020
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