बुलेट ट्रेन, परमाणु उर्जा पर एक संग भारत-जापान
शनिवार को भारत और जापान ने 98,000 करोड़ रूपये की लागत से मुंबई-अहमदाबाद के बीच पहले बुलेट ट्रेन नेटवर्क निर्माण करने सहित कई समभौतों पर हस्ताक्षर किए। शिखर वार्ता में दोनों नेताओं ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में विस्तार सहित परस्पर रूप से महत्वपूर्ण कई अंतरराष्ट्रीय और क्षेत्रीय मुद्दों पर भी चर्चा की। वार्ता के बाद आबे के साथ संयुक्त संवाददाता सम्मेलन को संबोधित कर रहे मोदी ने कहा भारत कि आर्थिक सपनों को सच करने में जापान से ज्यादा कोई मित्र मायने नहीं रखेगा। उन्होंने आबे को एक निजी मित्र और भारत जापान भागीदारी का बड़ा समर्थक बताया। हस्ताक्षर किए गए समझौतों का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा गति, विश्वसनीयता और सुरक्षा के लिए जानी जाने वाली शिनकानसेन (बुलेट ट्रेन) के माध्यम से मुंबई-अहमदाबाद सेक्टर में हाई स्पीड रेल चलाने का फैसला ऐतिहासिक से कम नहीं है। उन्होंने कहा कि परियोजना के लिए करीब 12 अरब डॉलर का महत्वपूर्ण पैकेज और बहुत आसान शर्तों पर तकनीकी सहायता सराहनीय है। मोदी ने कहा हमने असैन्य परमाणु उर्जा सहयोग पर हस्ताक्षर किए जो वाणिज्य एवं स्वच्छ उर्जा के लिए एक समझौते से कहीं ज्यादा है। यह एक शांतिपूर्ण तथा सुरक्षित दुनिया के लक्ष्य में रणनीतिक भागीदारी और परस्पर विश्वास के नए स्तर का एक शानदार प्रतीक है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, उस समय इस आंकड़े ने कई लोगों को हैरान किया लेकिन आज कुछ ही समय में इसमें अकल्पनीय प्रगति हुई है और इस निवेश की रूपरेखा जमीनी स्तर पर दिखनी शुरू हो गई है। भारत एवं जापान के बीच आर्थिक संकेतकों में सुधार का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि यह खासकर वैश्विक आर्थिक नरमी के मद्देनजर काफी उत्साहवर्धक हैं। उन्होंने कहा, यह स्पष्ट है कि भारत संभावनाओं की भूमि है। वहीं इस अवसर पर जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे ने मोदी के सुधार कार्यक्रम की प्रशंसा करते हुए कहा, नीतियां लागू करने और सुधार करने की प्रधानमंत्री मोदी की गति बुलेट ट्रेन की तरह है और उनका सुधार एजेंडा शिंकनसेन(बुलेट ट्रेन) की तरह सुरक्षित है। आबे ने कहा कि भारत जापान के लिए निवेश का बहुत आकर्षक स्थल बन गया है।
आर्थिक मोर्चे पर जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे ने कहा कि दोनों देश नजदीकी से काम करना चाहेंगे। इससे दोनों को फायदा होगा। उन्होंने कहा, मजबूत जापान, भारत के लिये अच्छा है और मजबूत भारत, जापान के लिये अच्छा है। उन्होंने कहा, मुझे उम्मीद है कि हमारे दोनों देशों के बीच आर्थिक संबंध हमेशा करीबी बने रहेंगे। मोदी ने आगे कहा कि भारत में एक नीतिगत प्रयोग के तौर पर पिछले साल जिस जापान प्लस पहल की शुरआत हुई थी वह भी बेहतर काम कर रही है। उन्होंने कहा कि भारत को न केवल तीव्र गति की टेन चाहिए बल्कि उच्च आर्थिक वृद्धि भी चाहिए। उन्होंने कहा कि भारत-जापान व्यावसायिक मंच ने दोनों देशों के बीच विभिन्न संभावनाओं पर विचार किया है। मोदी ने कहा कि यह व्यावसायिक मंच जो भी सिफारिशें करेगा भारत सरकार उन पर सक्रियता के साथ विचार करेगी। मोदी ने कहा अब मानव संसाधन और प्रौद्योगिकीय आधार की मजबूती का लाभ उठाते हुये आगे बढ़ने की जरूरत है। भारत और जापान के बीच द्विपक्षीय व्यापार 2014-15 में 15.51 अरब डॉलर रहा जबकि एक साल पहले 2013-14 में यह 16.29 अरब डॉलर रहा था। भारत को जापान से अप्रैल 2000 से लेकर सितंबर 2015 तक 19.16 अरब डालर का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश प्राप्त हुआ।