"केंद्र और केजरीवाल सरकार के आदेश में विरोधाभास, बन रही असमंजस की स्थिति", ऑक्सीजन कंपनी INOX ने दिल्ली HC से कहा
देशभर में बढ़ते कोरोना के मामले और ऑक्सीजन की बढ़ती किल्लत को लेकर हर कोई सकते में है। हर रोज कई जिंदगियां ऑक्सीजन के बिना थम रही है। राजधानी दिल्ली में इसके संकट और गहराते चले जा रहे हैं। दिल्ली हाईकोर्ट मामले पर लगातार नजर बनाए हुए है और केंद्र से लेकर दिल्ली सरकार तक को फटकार और जरूरी कदम उठाने के निर्देश दे रही है। सोमवार को ऑक्सीजन बनाने वाली सबसे बड़ी कंपनी INOX ने दिल्ली हाईकोर्ट को बताया कि कोरोना वायरस से उपजे संकट के दौरान वे “देशभर में 800 अस्पतालों को ऑक्सीजन सप्लाई कर रही हैं। लेकिन, शिकायतें सिर्फ दिल्ली से आ रही है।“
एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक INOX ने कहा कि केंद्र ने दिल्ली की सप्लाई में कटौती की है। कंपनी का अधिकतर उत्पादन उत्तर प्रदेश को आवंटित कर दिया है। रिपोर्ट के मुताबिक INOX ने कहा है कि दिल्ली के लिए आवंटित 105 मीट्रिक टन आवंटन को और घटाकर 80 मीट्रिक टन कर दिया गया है। कंपनी ने आरोप लगाया कि दिल्ली और केंद्र सरकार से मिल रहे आदेश विरोधाभासी हैं, जिनकी वजह से वह असमंजस की स्थिति में हैं।
एनडीटीवी के मुताबिक जैन ने कोर्ट को कहा, "कल दिल्ली सरकार ने 125 मीट्रिक टन ऑक्सीजन अस्पतालों को पहुंचाने का आदेश दिया था, जबकि केंद्र ने भी कल दिल्ली के आवंटन को 80 मीट्रिक टन करने का आदेश दिया, अब हम क्या करें...?"
दिल्ली हाईकोर्ट को INOX के प्रमुख सिद्धार्थ जैन ने कहा, "इसके अलावा, हमें पानीपत स्थित एयर लिक्वीड से अतिरिक्त 80 मीट्रिक टन ट्रांसपोर्ट करने के लिए भी कहा गया है। अब हम निर्माण भी करें और ट्रांसपोर्ट भी...? हम किसी थर्ड पार्टी के लिए ट्रांसपोर्ट का ध्यान क्यों रखना चाहिए?"