राज्यों को कोरोना के लिए अलग अस्पताल खोलने के निर्देश, देश में एक हफ्ते में 60-70 हजार लोगों की जांच की क्षमता
देश भर में तेजी से फैलते कोरोनावायरस के मद्देनजर सरकार ने भी अपनी तैयारियां तेज कर दी हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय, विदेश मंत्रालय और इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च(आईसीएमआर) के अधिकारियों ने रविवार को सरकार की तैयारियों को लेकर प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस दौरान जानकारी दी गई कि देश में हर सप्ताह 60-70 हजार लोगों की जांच करने की क्षमता है। वहीं बताया गया कि सभी राज्यों को कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों के लिए अलग अस्पताल खोलने के निर्देश दिए गए हैं।
आईसीएमआर के महानिदेशक बलराम भार्गव ने बताया कि देश में कोरोना जांच के लिए पर्याप्त सुविधाएं और लैब हैं। अभी फ्रांस एक हफ्ते में 10 हजार, जर्मनी 42 हजार, साउथ कोरिया 80 हजार लोगों की जांच कर रहा है। हमारे यहां भी सुविधाएं काफी बढ़ी हैं। हमारे पास हर हफ्ते 60-70 हजार लोगों कीजांच करने की सुविधा है। निजी लैब में भी जांच शुरू करने के लिए आदेश दे दिए गए हैं। 60 निजी लैब ने इसके लिए रजिस्ट्रेशन भी करा लिया है।
भार्गव ने कहा कि,''दुनिया के विकसित देशों में भी ज्यादा मौतें हो रही हैं। अगर हम बाहर से आए लोगों को 14-15 दिन के लिए क्वारैंटाइन कर दें। घर में अलग ही रखें। जब लक्षण दिखें, तभी टेस्ट कराएं। तो इसका काफी फायदा मिलेगा।
आइसोलेट करना ही संक्रमण रोकने का बेहतर तरीका
उन्होंने बताया कि,''कोरोना संक्रमण रोकने का सबसे अच्छा तरीका पॉजिटिव व्यक्ति को आइसोलेट करना है। हवा से संक्रमण नहीं हो रहा। यानि यह पॉजिटिव व्यक्ति के थूक से फैल रहा है। जो लोग बाहर से आए हैं, उन्हें आइसोलेट किया जाए। ऐसे लोग खुद से आइसोलेट हो जाएं। अगर लक्षण दिखे तभी टेस्ट कराएं। इसमें 80% लोगों को हल्का सा बुखार होगा। वे जल्दी और अपने आप ठीक हो जाएंगे। केवल पांच 5% लोग हीअस्पताल में भर्ती होते हैं।तबउन्हें सपोर्टिव दवाएं दी जाती हैं।''
कोरोना के लिए अलग अस्पताल
स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने बताया कि सभी राज्यों के प्रमुख सचिव और स्वास्थ्य विभाग से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की गई है। इसमें उनसे कोरोना के इलाज के लिए अलग से अस्पताल खोलने के लिए कहा गया है। इन अस्पतालों में केवल कोरोना संक्रमितों का इलाज होगा। एक हफ्ते के अंदर इसे शुरू कराने के लिए कहा गया है।