Advertisement
16 July 2016

अंतरराज्यीय परिषद की बैठक में नीतीश का सुझाव, समाप्त हो राज्यपाल का पद

गूगल

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में शनिवार को दिल्ली में आयोजित अंतरराज्यीय परिषद की बैठक में नीतीश कुमार ने कहा कि सभी राज्यों में राज्यपाल का पद समाप्त कर दिया जाना चाहिए क्योंकि वर्तमान संघीय लोकतांत्रिक व्यवस्था में उसका जारी रहना जरूरी नहीं है। उनकी टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब हाल ही में उच्चतम न्यायालय ने अरूणाचल प्रदेश में कांग्रेस सरकार की बर्खास्तगी को लेकर वहां के राज्यपाल की कड़ी आलोचना की और इसके अलावा कुछ विपक्षी पार्टियों के शासन वाले राज्यों ने भी राजभवनों पर केंद्र के इशारे पर राजनीतिक रूप से कार्य करने का आरोप लगाया है। परिषद की बैठक में जदयू अध्यक्ष ने कहा कि यदि संवैधानिक पद समाप्त करना संभव नहीं है तो उसके विवेकाधीन अधिकारों में कटौती की जाए। उन्होंने यह भी कहा कि किसी भी राज्य के मुख्यमंत्री की राज्यपाल की नियुक्ति और उसे हटाने में भूमिका होनी चाहिए। उन्होंने कहा, यदि उसे समाप्त करना संभव नहीं तो हमारे विचार से राज्यपाल की नियुक्ति से जुडे प्रावधानों की स्पष्ट रूप से व्याख्या होनी चाहिए और उसे पारदर्शी बनाया जाना चाहिए।

नीतीश कुमार ने राज्यपाल की नियुक्ति में राज्य के मुख्यमंत्री से भी मशविरा किए जाने की मांग की और राज्यपाल की नियुक्ति में सरकारिया आयोग की ओर से निर्धारित मापदंड का पालन किए जाने की मांग की। उन्होंने कहा, जब भी कोई नई सरकार बनती है राज्यपाल को बदलने की प्रवृत्ति पर संवैधानिक प्रावधान के तहत रोक लगाई जानी चाहिए। कुमार ने कहा कि वर्तमान राज्यपाल को हटाने से पहले राज्य के मुख्यमंत्री से औपचारिक रूप से मशविरा किया जाना चाहिए। यदि जरूरी हो तो ऐसे मशविरे के लिए संविधान के अनुच्छेद 155 में संशोधन किया जा सकता है। उन्होंने केंद्र-राज्य संबंधों पर पंछी आयोग की रिपोर्ट का उल्लेख किया और कहा कि उसने यह भी सिफारिश की है कि किसी मुख्यमंत्री को हटाने से पहले राज्यपाल को सदन के नेता को सदन में बहुमत साबित करने का एक मौका देना चाहिए। उन्होंने कहा, इसका अक्षरश: पालन किया जाना चाहिए।

बिहार में मद्यनिषेध लागू करने वाले कुमार ने पूरे देश में शराब की बिक्री और उसके सेवन पर प्रतिबंध लगाने की मांग की और कहा कि संविधान में भी इसका उल्लेख है। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार को पूर्ण मद्यनिषेध लागू करने में पड़ोसी राज्यों झारखंड, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल से वांछित सहयोग मिल रहा है। उन्होंने इन राज्यों से आग्रह किया कि वे बिहार की सीमा से दो किलोमीटर के क्षेत्र में शराब की दुकानें खोलने के लिए लाइसेंस जारी नहीं करें। कुमार ने कानून एवं व्यवस्था से संबंधित मामलों में एक नई केंद्रीय इकाई या तंत्र स्थापित करने का विरोध किया और कहा कि यह केंद्र-राज्य संबंधों में एक बाधा बन सकता है। उन्होंने वित्त मंत्री से राज्य पुलिस को धनशोधन कानून के तहत पांच करोड़ रूपये तक की सम्पत्ति जब्त करने का अधिकार देने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि यह संगठित अपराध को नियंत्रित करने में एक गेम चेंजर होगा। कुमार ने बिहार एवं अन्य पिछड़े राज्यों को विशेष दर्जा देने पर फिर से जोर दिया।

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोरसे
TAGS: अंतरराज्यीय परिषद, नीतीश कुमार, बैठक, प्रधानमंत्री, नरेंद्र मोदी, राज्यपाल, संघीय लोकतांत्रिक व्यवस्था, जदयू अध्यक्ष, संवैधानिक पद, सरकारिया आयोग, संवैधानिक प्रावधान, Nitish Kumar, post of Governor, Inter-State Council meeting, federal democratic structure, Bihar, P
OUTLOOK 16 July, 2016
Advertisement