आतंकवाद पर अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन, इसके खिलाफ भारत से कदम उठाने का आग्रह
वैश्विक आतंकवाद पर लगभग हर देश चिंतित है। भारत भी उनमें एक है। विश्वव्यापी आतंकवाद की समाप्ति के लिए भारत को आगे बढ़ कर ज़िम्मेदारी लेनी होगी। वक़्त आ गया है कि देश के अंदर मज़बूती से यह बात रखी जाए कि हिंदुस्तान अपनी सरहद के अंदर और बाहर दोनों की सुरक्षा बख़ूबी कर सकता है। ये बातें आतंकवाद पर नई दिल्ली में हुए अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में संघ के वरिष्ठ नेता इंद्रेश कुमार ने कही। इस सम्मेलन में राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान, सांसद प्रकाश जावड़ेकर, केंद्रीय मंत्री जनरल वी के सिंह और सुभाष सरकार शामिल हुए। इनके अलावा जाने-माने राजनयिक, रक्षा विशेषज्ञ, कई विश्विद्यालयों के वाइस चांसलर और बुद्धिजीवियों का जमावड़ा लगा।
कुरान की तालीम को समझना जरूरीः आरिफ
केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने तालीम और इंसानियत का हवाला देते हुए अपनी बातें रखीं। उन्होंने कहा, सबसे बड़ी समस्या यह है कि लोग न तो कुरान पढ़ते हैं और न कुरान की तालीम को समझते हैं, बल्कि उल्टा कुरान और इस्लाम को बदनाम करते हैं। उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि मदरसों में चार ऐसी तालीम दी जाती हैं जिनसे आतंकवाद फैलता है। वहां यह तालीम दी जाती है कि इस्लाम सर्वश्रेष्ठ है और उन्हें पूरी दुनिया में इसका प्रसार प्रचार करना है। खान ने कहा कि अगर अल्लाह चाहता कि हर तरफ़ सिर्फ़ इस्लाम और मुसलमान हों तो वो ख़ुद वैसी दुनिया बनाता।
संघ नेता का चीन-पाकिस्तान गठजोड़ पर हमला
इंद्रेश कुमार ने कहा, भारत सत्य और ईमानदारों के साथ खड़ा होगा ना कि असत्य और अधर्मियों और ज़ुल्म करने वालों के साथ। तालिबानियों, कट्टरपंथियों, आतंकवादियों के साथ न भारत पहले था और न कभी होगा। भारत सदैव ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ को मानता आया है और उसने इसी विचारधारा को तरजीह देते हुए हर किसी का सम्मान किया है। इसके बावजूद कुछ लोगों का अगर भारत में दम घुटता है तो ऐसे में उन्हें देश छोड़ कर कहीं और अपना बसेरा बनाना चाहिए, भारत का माहौल ख़राब नहीं करना चाहिए। संघ के वरिष्ठ नेता ने चीन, पाकिस्तान गठजोड़ पर भी हमला करते हुए कहा कि ये देश मानवता के दुश्मन हैं। पाकिस्तान आईएसआई, जैश, लश्कर और अन्य आतंकी संगठनों के ज़रिए आतंकवाद फैलाता रहता है।
सर्वधर्म अपनाकर ही आतंक की समाप्तिः जन. वी.के. सिंह
केंद्रीय मंत्री जनरल सिंह ने आतंकवाद की समाप्ति के लिए सर्वधर्म पर जोर देते हुए हर किसी को साथ जोड़ने का आह्वान किया। उन्होंने भारतीय सेना का उदाहरण देते हुए बताया कि सेना में हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई सभी धर्मों के लोग होते हैं और हर किसी का काम भारत की हिफाजत करना होता है। वीके सिंह ने बताया कि जब सेना में होली का त्योहार होता है तो मौलवी पूजा करते हैं और ईद का मौका होता है तो पंडित पूजा करता है।
स्वामी चिन्मयानन्द ने कहा कि किसी के दुःख को समझकर दूर करना ही धर्म है। करोना काल में दुनिया ने देखा कि भारत ने किस प्रकार अनेकों देशों की मदद की। फ़्री में खाना और दावा पहुंचायी। अगर कोई देश यह समझता है कि बंदूक़ के बल पर शक्ति हासिल की जा सकती है तो यह ताक़त नहीं आतंकवाद है। ऐसे देश, समाज या संगठन की कड़ी निंदा करनी चाहिए। इस मौके पर भाजपा सांसद प्रकाश जावडेकर, शिक्षा राज्य मंत्री सुभाष सरकार और अन्य लोगों ने भी अपनी बातें रखीं।