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15 January 2020

जम्मू-कश्मीर के कुछ इलाकों में जरूरी सेवा देने वाले संस्थानों में ब्रॉडबैंड सेवा शुरू, 2G इंटरनेट भी चला

जम्मू कश्मीर प्रशासन ने जम्मू क्षेत्र के कई हिस्सों में मोबाइल इंटरनेट सेवा और होटलों, यात्रा प्रतिष्ठानों तथा अस्पतालों समेत जरूरी सेवाएं प्रदान करने वाले सभी संस्थानों में ब्रॉडबैंड इंटरनेट सुविधा बहाल करने की अनुमति दे दी। लिहाजा विशेष राज्य का दर्जा समाप्त करने के बाद से जम्मू-कश्मीर में बंद इंटरनेट आज से कुछ हिस्सों में शुरू हो गया है। लेकिन सोशल मीडिया पर पूर्ण रूप से पाबंदी अभी जारी रहेगी। यह कदम ऐसे समय में उठाया गया हैं, जब सुप्रीम कोर्ट ने जम्मू-कश्मीर प्रशासन को केंद्र शासित प्रदेश में लगे प्रतिबंधों की समीक्षा करने का आदेश दिया था।

एक सरकारी बयान में कहा गया कि यह आदेश 15 जनवरी से लागू होगा और सात दिनों तक लागू रहेगा। अपने तीन पृष्ठ के आदेश में प्रशासन ने कहा कि कश्मीर संभाग में अतिरिक्त 400 इंटरनेट कियोस्क स्थापित किए जाएंगे। इंटरनेट सेवा प्रदाता जरूरी सेवाओं वाले सभी संस्थानों, अस्पतालों, बैंकों के साथ-साथ सरकारी कार्यालयों में ब्रॉडबैंड सुविधा (मैक बाइंडिंग के साथ) प्रदान करेंगे।

आदेश के मुताबिक, जिन संस्थानों और सरकारी कार्यालयों को इंटरनेट की सुविधा दी जा रही है, वे इसके दुरुपयोग को रोकने के लिए जिम्मेदार होंगे।

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पर्यटन की सुविधा के लिए, ब्रॉडबैंड इंटरनेट होटलों और यात्रा प्रतिष्ठानों को प्रदान किया जाएगा। आदेश में यह भी कहा गया है कि जम्मू क्षेत्र के जम्मू, सांबा, कठुआ, उधमपुर और रियासी में ई-बैंकिंग सहित सुरक्षित वेबसाइट देखने के लिए पोस्ट-पेड मोबाइलों पर 2जी मोबाइल ‘कनेक्टिविटी' की अनुमति दी जायेगी। गौरतलब है कि कुछ ही दिनों पहले सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि संविधान के अनुच्छेद 19 के तहत इंटरनेट का उपयोग करना एक मौलिक अधिकार है।

5 अगस्त से ही बाधित हैं सेवाएं

केंद्र सरकार ने 5 अगस्त 2019 को जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को हटा दिया था। राज्य की कानून व्यवस्था न बिगड़े इसलिए सुरक्षा के मद्देनजर घाटी में इंटरनेट सेवाओं पर पाबंदी लगाई गई थी, साथ ही कुछ इलाकों में फोन सेवाओं को भी रोक दिया गया था।

सुप्रीम कोर्ट ने सरकार पर की थी कड़ी टिप्पणी

सुप्रीम कोर्ट ने जम्मू-कश्मीर में लगाई गई विभिन्न पाबंदियों को लेकर केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर कठोर टिप्पणी की थी। अदालत ने कहा था कि इंटरनेट बैन और धारा 144 तभी लगाया जा सकता है जब उसकी अत्यंत जरूरत हो। साथ ही कोर्ट ने केंद्र सरकार पर तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा कि लम्बे समय तक इंटरनेट पर पाबंदी और धारा 144 का लगाया जाना सरकार द्वारा अपनी शक्तियों का दुरुपयोग करने जैसा है।

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TAGS: Internet, Restored, Partially, Kashmir, Social Media, Bounds
OUTLOOK 15 January, 2020
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