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03 September 2019

चांद के और करीब पहुंचा लैंडर विक्रम, अगले चार दिन उल्टे रास्ते लगाएगा चक्कर

देश का महत्वाकांक्षी चंद्र मिशन चंद्रयान-2 चांद के बेहद करीब पहुंच गया है। मंगलवार सुबह 8 बजकर 50 मिनट पर लैंडर विक्रम अपने भीतर उपस्थित प्रज्ञान रोवर को लेकर सफलतापूर्वक चांद की दिशा में चलना शुरू कर दिया है। फिलहाल, ऑर्बिटर और विक्रम की सभी प्रणाली दुरुस्त हैं और सही तरीके से काम कर रहे हैं। चंद्रयान-2 से अलग होने के बाद लगभग 20 घंटे से विक्रम लैंडर अपने ऑर्बिटर की कक्षा में ही चक्कर लगा रहा था मगर, अब यह ऑर्बिटर से उल्टी दिशा में जाएगा। इस पूरी प्रक्रिया को डिऑर्बिट कहा जाता है।

गौरतलब है कि सोमवार को चंद्रयान-2 के ऑर्बिटर से लैंडर विक्रम सफलतापूर्वक अलग हो गया था। इस अलगाव के बाद विक्रम की चांद के दक्षिणी ध्रुव के हिस्से में उतरने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है। माना जा रहा है कि विक्रम चांद के दक्षिणी ध्रुव की सतह पर अब से पांचवें दिन यानी 7 सितंबर को करीब 1:55 बजे अपना कदम रखेगा।

इसरो के मुताबिक, अलग होने के बाद विक्रम अब तक चंद्रमा की 119 किमी गुणा 127 किमी की कक्षा में चक्कर लगा रहा था। इसरो के वैज्ञानिकों ने विक्रम को मंगलवार सुबह 8:50 बजे चांद के बहुत करीब वाली कक्षा 36 गुणा 100 किमी के दायरे में दाखिल करा दिया है।

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इसके बाद चार सितंबर को उसे चांद की सतह पर उतारने के लिए तैयार किया जाएगा। इसके बाद अगले तीन दिनों तक विक्रम चांद के सबसे पास वाली इस कक्षा में चक्कर लगाता रहेगा। इसके बाद सतह पर उतरने की प्रक्रिया शुरू होगी।

जबकि, चंद्रयान-2 का आर्बिटर उसी कक्षा में चक्कर लगा रहा है, जिसमें वह रविवार को दाखिल हुआ था। इससे पहले चंद्रयान-2 ने चांद की पांचवीं और अंतिम कक्षा में कामयाबी से प्रवेश किया था। चंद्रयान-1 की सफलता के 11 साल बाद चंद्रयान-2 मिशन चांद छूने चला है। चंद्रयान-2 श्रीहरिकोटा प्रक्षेपण केंद्र से 22 जुलाई को जीएसएलवी एमके-3 एम-1 बाहुबली रॉकेट से प्रक्षेपित किया गया था।

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TAGS: ISRO, de-oribital operation, moon lander Vikram
OUTLOOK 03 September, 2019
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