जम्मू-कश्मीर के डीजीपी बोले- घाटी का माहौल शांतिपूर्ण; अजीत डोभाल लेंगे सुरक्षा का जायजा
जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 और राज्य के विभाजन पर मोदी सरकार के फैसले के बाद सबकी निगाह घाटी के माहोल पर है। इस बीच जम्मू-कश्मीर पुलिस के डीजीपी दिलबाग सिंह ने कहा है कि राज्य का माहौल शांतिपूर्ण है।
जम्मू कश्मीर के डीजीपी का कहना है कि कश्मीर से हिंसा की एक भी घटना नहीं है। यहां पूरी तरह से शांति है। इससे पहले कयास लगाए जा रहे थे कि यदि अनुच्छेद 370 और 35-ए पर केंद्र सरकरा कोई भी फैसला करती है तो घाटी का माहौल तनावपूर्ण हो सकता है।
राज्य के कई नेताओं ने भी स्थिति तनावपूर्ण हो जाने की संभावना व्यक्त की थी। पीडीपी की नेता महबूबा मुफ्ती और नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला समेत कई नेताओं ने कहा था कि अगर 35-ए और अनुच्छेद 370 से छेड़छाड़ की गई तो घाटी का माहौल हिंसक हो जाएगा।
डोभाल लेंगे सुरक्षा का जायजा
अनुच्छेद 370 के कुछ प्रावधानों में बदलाव के बाद जम्मू-कश्मीर में हिसंक प्रदर्शनों को रोकने के लिए सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। इस बीच एनएसए अजित डोभाल भी राज्य के हालात का जायजा लेने के लिए श्रीनगर में होंगे।
मुफ्ती-अब्दुल्ला गिरफ्तार
राज्यसभा में सोमवार को जम्मू कश्मीर पुनर्गठन विधेयक पास किए जाने के बाद जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी चीफ महबूबा मुफ्ती और नेशनल कॉनफ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। रविवार देर रात इन दोनों नेताओं को नजरबंद किया गया था। फिलहाल महबूबा को गेस्ट हाउस ले जाया गया है।
सेना और अर्धसैनिक बल हाई अलर्ट पर
जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने और राज्य का पुनर्गठन किए जाने के बाद सुरक्षा व्यवस्था को चाक चौबंद रखने के लिए सरकार ने सोमवार को फिर अर्ध सैनिक बलों के 8000 जवानों को हवाई मार्ग से कश्मीर भेजा है। इसके अलावा सेना और वायु सेना को हाई अलर्ट पर रखा गया है। अर्ध सैनिक बलों के ये जवान उत्तर प्रदेश, ओडिशा, असम और देश के अन्य हिस्सों से कश्मीर भेजे गए हैं। सरकार ने सेना और वायु सेना को हाई अलर्ट पर रहने को कहा है। केंद्र की नई व्यवस्था के मुताबिक अब जम्मू-कश्मीर की पुलिस अब सीधे केंद्र सरकार के अंतर्गत काम करेगी। घाटी में अभी भी हजारों की संख्या में सुरक्षाबल तैनात हैं और अगले आदेश तक वहां ही रहेंगे। कई शहरों में मोबाइल, इंटरनेट सेवा भी बंद है। घाटी में मोबाइल, इंटरनेट सेवाओं के साथ लैंडलाइन सर्विस को भी बंद कर दिया गया है।
भारतीय लोकतंत्र का सबसे काला दिन: महबूबा मुफ्ती
महबूबा मुफ्ती ने अनुच्छेद 370 को निरस्त किए जाने संबंधी घोषणा किए जाने के कुछ ही मिनट बाद दो ट्वीट किए। पहले ट्वीट पर मुफ्ती ने कहा कि यह भारतीय लोकतंत्र का सबसे काला दिन है। जम्मू-कश्मीर के नेतृत्व ने 1947 में भारत के साथ जाने का जो फैसला लिया था, वो गलत साबित हो गया। भारत सरकार द्वारा अनुच्छेद 370 को हटाने का फैसला अवैध और असंवैधानिक है।
इस फैसले से दुष्परिणाम आएंगे: उमर अब्दुल्ला
वहीं, जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने बयान जारी करके कहा था कि भारत सरकार द्वारा अनुच्छेद-370 को हटाना जम्मू-कश्मीर के लोगों के साथ धोखा है। जम्मू-कश्मीर ने 1947 में जिस भरोसे के साथ भारत से जुड़ा था, आज वह टूट गया है। भारत सरकार के इस फैसले से भयानक दुष्परिणाम सामने आएंगे।
आज लोकसभा में पेश होगा अनुच्छेद 370 हटाने वाला प्रस्ताव
गौरतलब है कि सरकार ने जम्मू कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा प्रदान करने संबंधी अनुच्छेद 370 समाप्त करने और राज्य को दो केंद्रशासित प्रदेशों जम्मू कश्मीर तथा लद्दाख में विभाजित करने का फैसला किया है। इससे संबंधित दो संकल्पों और एक विधेयक को सोमवार को राज्यसभा की मंजूरी मिल गई। हालांकि आज लोकसभा में आज इस बिल को पास होना हाकी है।