मुम्बई के श्रीकृष्ण मंदिरों में जन्माष्टमी की धूम
इस्कॉन के आध्यात्मिक नेता राधानाथ स्वामी महाराज ने यहां एक बयान में कहा कि 5243 संख्या भगवान के पृथ्वी पर अवतरित होने से मेल खाती है। इस्कॉन के प्रवक्ता लकी कुलकर्णी ने कहा कि सुबह एक महाआरती की गई और 5243 फलों का वितरण शुरू हुआ।
उन्होंने कहा, 25 अगस्त को मध्यरात्रि में भगवान कृष्ण की महाआरती और महाभिषेक किया जाएगा जिस दौरान 1008 भोग अर्पित किये जाएंगे। इसमें तरह-तरह की मिठाइयां, पकी हुई सब्जियां, फलों का रस, चावल और विभिन्न तरह के पकवान होंगे। उन्होंने कहा कि समारोह 26 अगस्त तक चलेगा। गिरगाम इस्कॉन मंदिर ने अपने परिसर में न्यूयार्क स्थित टोंपकिंस स्क्वायर पार्क की प्रतिकृति बनायी है जहां इस्कॉन संस्थापक आचार्य श्री एसी भक्तिवेदांत स्वामी श्रील प्रभुदास ने 1965 में अमेरिका में अपने प्रवास के दौरान प्रवचन शुरू किया था। इस वर्ष राधा और कृष्ण की शुद्ध रेशम की पोशाकों पर हाथ से सोने की दरदोजी की गई है।
राधानाथ स्वामी ने शास्त्रों का हवाला देते हुए कहा कि 5243 वर्ष पहले जन्माष्टमी के दिन भगवान मध्यरात्रि में पृथ्वी पर अवतरित हुए थे। इसका गहरा महत्व भी है क्योंकि मध्यरात्रि ऐसा समय होता है जब अधिकतम अंधेरा होता है और भगवान के अवतरित होते ही अंधेरा छंटना शुरू हो गया। उन्होंने कहा, इसी तरह से हमारा हृदय भी कई चिंताओं एवं कष्टों से पीड़ित होने के चलते अंधकार से भरा हुआ है। यद्यपि हम अपने जीवन के प्रतिकूल समय में जब भगवान की शरण में जाते हैं और वह हमारे हृदय में प्रगट होते हैं, तो सभी अंधकार मिट जाता है और अनंत उम्मीद की धारा भीतर बहने लगती है। जुहू स्थित एक अन्य इस्कॉन मंदिर में पांच लाख श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद है। मंदिर के प्रवक्ता के अनुसार जानेमाने डिजाइनर रोहित वर्मा ने भगवान की पोशाक डिजाइन की है।
इसके साथ ही अंधेरी स्पोर्ट्स काम्प्लेक्स स्थित प्रसिद्ध श्रीकृष्ण मंदिर ने भगवान कृष्ण का जन्मोत्सव मनाने के लिए मध्यरात्रि में विशेष पूजा रखी गई है। वहीं वडाला स्थित कृष्ण मंदिर में भी जन्माष्टमी मनाने के लिए तैयारियां की गई हैं जिसमें हजारों लोगों के भगवान श्रीकृष्ण का दर्शन करने आने की उम्मीद है।
भाषा